पितृपक्ष में करें खूब खरीदारी, मिलेगा पूर्वजों का आशीर्वाद, खुश होगी उनकी आत्मा!

रवि पायक/ भीलवाड़ा. साल 2023 में पितृपक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से होने जा रही है और इसका समापन 14 अक्टूबर शनिवार को सर्प पितृ अमावस के साथ होगा. बता दे कि पितृ पक्ष की अवधि में परिवार के पूर्वजों का निमित्त पिंडदान तर्पण और श्रद्धा कर्म किया जाता है. श्राद्ध पक्ष के दौरान पितरों की पूजा करने से जीवन में आने वाली समस्त बाधाएं दूर होती हैं व पितरों का पूरे परिवार पर आशीर्वाद बना रहता है.
कहा जाता है कि श्राद्ध के समय यदि कोई घर आ जाए तो उसे अपने परिवार के सदस्य की तरह मानकर खाना खिलाया जाता है. इस तरह पक्षियों को भी स्नेह वह प्रेम से खाना खिलाना चाहिए इसके पीछे करण के बारे में लोगों का कहना है कि श्राद्ध पक्ष के चलते पितृ अपने परिवारजन से मिलने किसी भी रूप में आते हैं और यदि आप इन्हें भोजन करवाते हैं और यह भोजन ग्रहण करते हैं तो यह आपके लिए फलदाई स्थापित होता है.
श्राद्ध पक्ष में करने चाहिए पुण्य कार्य
नगर व्यासपंडित कमलेश व्यास ने बताया कि श्राद्ध पक्ष के चलते पितरों के निमित्त श्राद्ध तर्पण और पुण्य किया जाना चाहिए यदि किसी को तिथि का पता नहीं होता तो वह सर्व पितृ मोक्ष अमावस में श्रद्धा मान सकता है. कई लोग घरों के अलावा तीर्थराज पुष्कर त्रिवेणी और अन्य धार्मिक स्थान पर श्राद्ध कर्म व तर्पण करते हैं.
श्राद्ध के दौरान बहुत है भ्रांतियां
पंडित कमलेश व्यास ने बताया कि कई लोगों का ऐसा मानना होता है कि पृष्ठ श्रद्धा के चलते कोई भी शुभ कार्य औरनई खरीदारी नहीं की जाती, लेकिन यह सब भ्रांतियां हैं जो मनुष्य द्वारा फैलाई जाती है. श्राद्ध पक्ष में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य हो या खरीदारी कोई पर विराम नहीं होता हैं. इसके साथ ही इस पक्ष में खरीदारी करने से धन संपदा से जीवन आगे बढ़ता है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है. पितरों की निमित्त श्राद्ध कर्म आदि करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
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FIRST PUBLISHED : September 26, 2023, 13:10 IST