Rajasthan

पितृपक्ष में सुबह ऐसे करें तर्पण, प्रसन्न होंगे पितृ…घर में आएगी सुख-शांति, बढ़ेगा वैभव

मोहित शर्मा/ करौली. पूर्वजों की सेवा का पखवाड़ा पितृपक्ष अभी चल रहा है. पितरों की सेवा का सबसे सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाले पितृपक्ष की ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस पक्ष के दौरान पितरों की सेवा करता है उसकी हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है. साथ ही साथ परिवार में धन -धान्य, सुख समृद्धि और विशेष कर पितरों की कृपा से ही किसी परिवार की वंश वृद्धि बढ़ सकती है. ऐसा कहा जाता है कि वंश वृद्धि बढ़ाने में पितृ देवताओं का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहता है.

ऐसे में जिन परिवारों की वंश वृद्धि पर कई सालों से ग्रहण लगा हुआ है और यदि वह अपने परिवार की वंश वृद्धि चाहते हैं तो ज्योतिषी के बताए अनुसार इस विधि से घर पर ही पितरों की सेवा-पूजा कर अपने परिवार की वंशवृद्धि कर सकते हैं.

इस तरह करें तर्पण

कर्मकांड ज्योतिषी मनीष उपाध्याय बताते हैं कि पितृपक्ष में वैसे तो पितरों के लिए तर्पण करना और जलांजलि देनी चाहिए. उन्होंने बताया कि पितृपक्ष अब आधा गुजर गया है. ऐसे में आप बचे हुए पितृपक्ष के दिनों में घर पर ही एक बर्तन लेवें और उस बर्तन में तिल, जौ, अक्षत, कच्चा दूध इन सभी को मिला करके और हाथ में डाब ले करके पितरों को तर्पण करना चाहिए.

ज्योतिषी बताते हैं कि यदि आप रोज तर्पण नहीं कर पाए तो अपने पूर्वजों की बैकुंठ जाने वाली तिथि को सुबह जल्दी उठकर घर पर तर्पण की बताई हुई विधि अनुसार और बायां घुटना टेक करके अपने पितृ देवताओं का आहृवान करके और हाथ में डाब लेकर उन्हें 11 बार जलांजलि देनी चाहिए.

रुक रही है वंश वृद्धि तो इस विधि से करें तर्पण

ज्योतिषी उपाध्याय ने बताया कि यदि किसी के परिवार में वंश वृद्धि नहीं हो रही है तो उन्हें अवश्य ही पितृपक्ष में अपने परिवार के पूर्वजों को तर्पण करके और उन्हें प्रसन्न करने के लिए उनके मनपसंद का भोग लगाना चाहिए. उन्होंने बताया कि भोग लगाने के साथ-साथ वंशवृद्धि के लिए पंचबली भी अवश्य देनी चाहिए. जिसमें मुख्य रूप से कौआ, गाय, चींटी, मछलियों सहित देवताओं का भोग लगाना चाहिए.

इन पांचों के लिए घर पर अलग से भोजन बनाकर और उसे अलग-अलग बर्तनों में जमाकर इन सभी का भोग लगाना चाहिए और ब्राह्मण को घर बुलाकर उन्हें प्रेम पूर्वक भोजन कराने के साथ-साथ उन्हें दान दक्षिणा देनी चाहिए. ऐसा करने से अवश्य ही पितृ देवता प्रसन्न होते हैं और परिवार को सुख समृद्धि और वंश वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.

Tags: Local18, Rajasthan news, Religion 18

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