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पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग का न करें नजरअंदाज… बन सकता है आत्महत्या का कारण ,एक्सपर्ट से जानें कैसे करें कंट्रोल?-

अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ : पीरियड्स (Menstruation)के दौरान अक्सर देखा जाता है कि महिलाएं और लड़कियों का मूड पल-पल बदलता है. किसी में ये मूड स्विंग बहुत ज्यादा होता है तो किसी महिला में थोड़ा कम. इस दौरान कभी उन्हे उदासी आ जाती है तो कोई तनावग्रस्त हो जाता है. यही नहीं कुछ महिलाओं और लड़कियों को इस दौरान बहुत ज्यादा रोना आता है. हैरानी की बात यह है कि पीरियड्स के दौरान मूड इतना ज्यादा बदलता है कि कुछ महिलाओं और लड़कियों को आत्महत्या तक के ख्याल आने लगते हैं. यह सब कुछ क्यों होता है और पीरियड्स खत्म होने के बाद मूड एकदम अच्छा कैसे हो जाता है?

लखनऊ के सबसे बड़े अस्पताल अपोलो मेडिक्स में स्त्री रोग विशेषज्ञ और लेप्रोस्कोपी सर्जन डॉक्टर नेहा नेगी ने बताया कि इसको ‘प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसॉर्डर ‘ (premenstrual dysphoric disorder) या पीएमडीडी कहते हैं. इसमें गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन, उदासी के साथ ही तनाव महसूस करने जैसे लक्षण होते हैं. पीरियड्स के दौरान शरीर में कुछ ऐसे तत्व निकलते हैं जो हार्मोन्स को बहुत ज्यादा प्रभावित करते हैं और हार्मोन्स के जरिए मूड और ब्रेन तक प्रभावित होता है. कुछ महिलाओं के ऊपर इसका ज्यादा प्रभाव पड़ता है. कुछ महिलाओं और लड़कियों के हार्मोन्स इस दौरान इतना ज्यादा प्रभावित होते हैं जिस वजह से उनके अंदर आत्महत्या तक के ख्याल आने लगते हैं.

इन कारणों से भी हो सकता हैं मूड स्विंग
डॉ. नेहा नेगी ने बताया कि पीरियड्स के दौरान कमर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, असहजता के साथ ही पेट फूलना, दर्द और कब्ज के साथ ही दस्त होने जैसी दिक्कतें भी पल-पल मूड को बदलती हैं, जिससे इस दौरान महिलाओं और लड़कियों को सबसे ज्यादा चिड़चिड़ापन, उदासी, रोने का मन करना और तनाव ग्रस्त होना जैसी दिक्कतें होती हैं.

पीरियड्स के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
डॉ. नेहा नेगी ने बताया कि अगर आपको भी इस तरह की समस्या पीरियड्स के दौरान होती हैं तो आप अपने आसपास के माहौल को खुशनुमा रखें. इस दौरान अच्छे माहौल में रहें, जहां पर आपको तनाव मुक्त समय मिल सके. इस दौरान सब्जियों और फलों का सेवन अधिक से अधिक करें. योग या मॉर्निंग वॉक करें. इसके अलावा पानी अधिक से अधिक मात्रा में पिएं क्योंकि पानी मूड और हार्मोन्स को पल-पल बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. पानी हार्मोन्स को काफी हद तक कंट्रोल करता है. पानी की मात्रा पीरियड्स के दौरान ज्यादा रखें.

डॉक्टर से लें सलाह
डॉ. नेहा नेगी ने बताया कि अगर ऊपर दी गई सलाह से भी आपको फायदा न हो तो डॉक्टर से मिलें. उनसे सलाह लें हो सकता है कि इस दौरान आपको हार्मोन थेरेपी लेनी पड़े या फिर कुछ दवाओं का भी आपको सेवन करना पड़ सकता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और हेल्थ बेनिफिट की सलाह, हमारे एक्सपर्ट्स से की गई चर्चा के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, न कि व्यक्तिगत सलाह. हर व्यक्ति की आवश्यकताएं अलग हैं, इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही, कोई चीज उपयोग करें. कृपया ध्यान दें, Local-18 की टीम किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी.

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