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पीलिया और बवासीर में गुणकारी है सिंघाड़ा, स्पर्म काउंट बढ़ाता है, एक्सपर्ट मानते हैं लोहा!

Use water chestnut in navratri and other fasts: आती सर्दी का फल सिंघाड़ा शरीर के लिए बेहद खास माना जाता है. इसका सेवन बवासीर और पीलिया के लिए लाभकारी है. फूड एक्सपर्ट तो इसे शानदार फल मानते ही हैं, आयुर्वेद भी इसे विशेष श्रेणी में रखता है. इसका नियमित सेवन महिलाओं की ब्रेस्ट का साइज भी बढ़ाने में सक्षम माना जाता है, तो पुरुषों के स्पर्म काउंट (Sperm Count) में भी बढ़ोतरी कर सकता है.

नवरात्र में डिमांड पर है सिंघाड़े के आटे के पकवान

सिंघाड़ा कुछ क्षेत्रों में बारह महीने उपलब्ध रहता है, लेकिन असली फसल तो इसकी सर्दियां शुरू होते ही बाजार में आनी चालू हो जाती हैं. इसे चाहे कच्चा खाएं या घंटों उबाल लें, इसका कुरकुरापन खत्म नहीं होगा. इस बात की संभावना है कि उबालने के बाद इसमें हलका मीठापन गायब हो जाए, लेकिन इसके स्वाद में मक्खन जैसा स्वाद उभर आएगा. डायटिशियन मानते हैं कि सिंघाड़े में भरपूर एनर्जी होती है, लेकिन फैट न के बराबर.

इसी का परिणाम यह है कि खाते ही यह ताजगी देगा और पेट भी भरा-भरा सा महसूस करवा देता है. फैट न होने का लाभ यह होता है कि यह पेट तो पूरी तरह भरने का अहसास करवाएगा लेकिन मोटापा नहीं बढ़ने देता. आजकल नवरात्र के व्रत चल रहे हैं और सिंघाड़े के आटे के बने पकवान डिमांड पर हैं. उसका कारण स्पष्ट है कि व्रत में निराहार रह रहे लोगों को इसका बना आहार शरीर को तुरंत एनर्जी प्रदान करता है.

1. आयुर्वेद मानता है कि इस जलीय फल में जादुई गुण हैं, जो शरीर की विशेष कमियों को दूर कर देते हैं. भारतीय जड़ी-बूटियों, फलों व सब्जियों पर व्यापक रिसर्च करने वाले जाने-माने आयुर्वेद विशेषज्ञ आचार्य बालकिशन के अनुसार सिंघाड़े में जो विटामिन्स व खनिज पाए जाते हैँ, उसका निष्कर्ष यह है कि सिंघाड़े के सेवन से पाइल्स के कारण होने वाली ब्लीडिंग और दर्द को कम किया जा सकता है. इसमें पित्त का शमन करने वाले गुण भी होते हैं, इसलिए वैद्याचार्य पीलिया होने पर सिंघाड़े को खाने की सलाह देते हैं. (डाइजेशन में हल्की मूंग दाल में हैं ‘चमत्कारी गुण’, जानें इसका दिलचस्प इतिहास)

2. आयुर्वेद का मानना है कि सिंघाड़े को ब्रेस्ट साइज बढ़ाने वाला भी माना जाता है. जो पुरुष अपना स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए डॉक्टरों से इलाज करवा रहे हैं, अगर वे सिंघाड़े के हलुवे का नियमित सेवन करें तो शुक्राणु (Sperm) में बढ़ोतरी होना शुरू हो जाएगी. इसके अलावा अगर सिंघाड़े के बने चूर्ण को गरम दूध में मिलाकर पिया जाए तो स्पर्म काउंट बढ़ना शुरू हो जाएंगे.

3. सिंघाड़े में प्रोटीन, फैट व कैल्शियम बहुत कम माना जाता है. इसका लाभ यह होता है कि इसका सेवन हार्ट को स्मूद रखता है, साथ ही शरीर की कोशिकाओं को किसी भी तरीके से बाधित नहीं होने देता. यह ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करने में मदद करता है, क्योकि अधिक फैट व प्रोटीन का सेवन ही बीपी का कारण बनता है. इसमें पाए जाने वाले खनिज मधुमेह (Blood Sugar) को भी चमत्कारी रूप से कंट्रोल में रखने में मदद करते हैं. (यह भी पढ़ें- शुगर को कंट्रोल और मोटापे को कम करती है रसभरी)

4. फूड एक्सपर्ट व होमशेफ सिम्मी बब्बर के अनुसार रिसर्च बताता है कि सिंघाड़े में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, साथ ही इसमें पोटेशियम की उचित मात्रा भी होती है, इसलिए यह शरीर को सामान्य बीमारियों से बचाने के लिए प्रतिरोधी गुण पैदा कर देता है. इसमें मौजूद पोटेशियम मांसपेशियों को स्वस्थ रखता है और उन्हें कमजोर होने से बचाता है. अगर इसका नियमित सेवन किया जाए तो यह आंतों (Intestine) को कूल रखता है, जिसका लाभ यह रहता है कि कब्ज से हमेशा बचाव होता रहेगा

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