पीलीभीत टाइगर रिजर्व में अब बाघ के साथ संरक्षित किए जाएंगे दुर्लभ प्रजातियों के कछुए, यह है तैयारी

सृजित अवस्थी/पीलीभीत. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में बाघों के संरक्षण का मॉडल देश भर के तमाम अभ्यारण में अपनाया जा रहा है. अब यहां दुर्लभ प्रजातियों के कछुओं का भी संरक्षण किया जाएगा. इसके लिए पीटीआर प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय संस्था से सहयोग मांगा है. पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल बाघ के साथ अन्य वन्य जीवों के लिए भी काफी अनुकूल हैं. ऐसे में यहां अलग-अलग प्रजातियों के वन्यजीव फल-फूल रहे हैं. यहां के जंगलों में नदियों-नहरों के साथ-साथ तमाम प्राकृतिक स्रोत मौजूद हैं.
वैसे तो पीलीभीत टाइगर रिजर्व बाघों की बढ़ती संख्या के लिए देश व दुनिया में प्रसिद्ध है, लेकिन यहां दुर्लभ प्रजातिओं के कछुए भी पाए जाते हैं. अगर आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में पाए जाने वाली कछुओं की प्रजातियों में से 13 प्रजातियां पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल व आस-पास के इलाकों में देखी जाती हैं. इनमें से सबसे अधिक पाई जाने वाली प्रजाति इंडियन सॉफ्ट शेल्ड टर्टल है. यह गोमती उद्गम स्थल व आस-पास के इलाकों में बहुतायत में पाए जाते हैं.
तस्करों की नजर में चढ़ा पीलीभीत टाइगर रिजर्व
क्योंकि पीलीभीत टाइगर रिजर्व में लगातार वन्यजीवन फल फूल रहा है, ऐसे में यहां पाए जाने वाले वन्यजीव व वन उपज पर तस्कर नजर गड़ाए रहते हैं. बीते कुछ समय में कई तस्करों को कछुओं के साथ पकड़ा गया है. ऐसे में अब पीलीभीत में कछुओं के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
हाल ही में पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने कछुओं के संरक्षण के लिए टर्टल सर्वाइवल एलायंस को पीलीभीत में कछुओं के संरक्षण में मदद करने को लेकर पत्र लिखा है.
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FIRST PUBLISHED : August 16, 2023, 15:35 IST