पुजारी के 8 दिन पुराने शव को लेकर रातभर धरने पर बैठे रहे BJP नेता, सरकार से वार्ता रही विफल Rajasthan News- Jaipur News-Pujari Murder Csae- BJP leaders sit on dharna over 8-day-old dead body of priest


धरना सीएमआर के पास होने के कारण पुलिस ने वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे हैं.
Pujari Murder Case: पुजारी के आठ दिन पुराने शव को लेकर बीजेपी से राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा (Dr. Kirodilal meena) राजधानी जयपुर में कल से मुख्यमंत्री के आवास के पास धरने पर बैठे हैं. फिलहाल इस मामले का कोई समाधान नहीं निकल पाया है. धरना जारी है.
वहीं मंदिर माफी की 26 बीघा जमीन से अतिक्रमण हटाया जाए. गुरुवार को देर रात सरकार से वार्ता विफल रहने के बाद सांसद किरोड़ी लाल मीणा, बगरू के पूर्व विधायक कैलाश वर्मा अन्य बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ रातभर धरने पर बैठे रहे. इससे पहले 6 दिन से ग्रमीण शव को लेकर महवा थाने के बाद धरना दे रहे थे.
आज तय होगी आगे की रणनीति
सांसद किरोड़ी मीणा का कहना है कि सरकार हठधर्मिता दिखा रही है. हम मुख्यमंत्री के द्वार पर बैठे हैं. हमें जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक हम यहां से हटेंगे नहीं. उन्होंने कहा कि आगे आंदोलन की रणनीति किस तरह की होगी. यह बीजेपी के नेता परिजनों के साथ मिलकर तय करेंगे. गुरुवार को धरने में पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, सांसद रामचरण बोहरा, विधायक कालीचरण सराफ और विधायक अशोक लाहोटी समेत कई नेता शामिल हुए थे. आज इन सब के फिर से धरनास्थल पर पहुंचने के बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.दौसा: शंभू शर्मा को इंसाफ दिलाने के लिए धरने पर बैठे लोगों पर पुलिस ने बरसाई लाठियां, लोग शव लेकर भागे
यह है पूरा मामला
दरअसल शंभू शर्मा महुआ के नजदीक टिकरी गांव में एक मंदिर का पुजारी था. शंभू शर्मा के पास जयपुर आगरा हाईवे पर 2 बीघा जमीन थी. आरोप है कि भू माफियाओं ने तहसीलदार और रजिस्ट्री दफ्तर के अफसरों के साथ मिलीभगत कर महज आठ लाख रुपये में उसे खरीद लिया. ग्रामीणों का कहना है कि हाईवे पर इस जमीन की करीब एक करोड़ रुपए प्रति बीघा के भाव हैं, लेकिन शंभू शर्मा मूक बधिर है. इससे शंभू शर्मा मानसिक रूप से परेशान हो गया और बीमार हो गया. शंभू शर्मा ने 26 फरवरी को महुआ के पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी. ग्रामीणों का आरोप है शंभू शर्मा की शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने पर सदमे में उसकी मौत हो गई. ग्रामीणों का आरोप है कि मंदिर माफी की 26 बीघा जमीन है. उस पर भू माफियाओं ने कब्जा कर लिया है.