Rajasthan

बचपन के शौक ने गिर्राज को बना दिया चित्रकार, अब तक बना चुके है 2 हजार से अधिक पेंटिंग्स

शक्ति सिंह/कोटा. कोटा जिले के एक ऐसे आर्टिस्ट है जिनके हाथों में जादू है. जी हां ये है कोटा के गिर्राज जिनके बचपन में उंगली से जमीन पर आकृति बनाने के शौक ने उन्हें चित्रकार बना दिया. आज गिर्राज पशु-पक्षी से लेकर राजा महाराजाओं के हवेलियां की बेहतरीन चित्रकारी करते हैं. गिर्राज सैनी 25 सालों से ये चित्रकारी करते आ रहे हैं.

कोटा के गिर्राज ने अपनी कला के माध्यम से दर्जनों विद्यार्थियों को पारंपरिक व आधुनिक चित्रकला का ज्ञान देकर आत्मनिर्भर बनाया है. यहीं नहीं पशु-पक्षी को बचाने और पर्यावरण संरक्षण की भावनाएं रंग वं ब्रश के माध्यम से चित्रण कला द्वारा लोगों को संदेश दिया करते हैं. गिर्राज कोटा ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों में भी इन्हें पेंटिंग बनाने के लिए बुलाया जाता है.

कई शैली में कर चुके चित्रकारी

आर्टिस्ट गिर्राज सैनी ने बताया कि मैंने राजा-महाराजाओं के चित्र, प्राचीन हवेली के भित्ति चित्र, हाडोती, बूंदी शैली, राजस्थानी, शेखावाटी शैली को अपनी कला के माध्यम से भित्ति चित्रों को बनाता आ रहा हूँ. देखा जाए तो तकनीक और वैज्ञानिक अध्ययन के बारे में जानकारी देने के लिए दीवारें स्वयं सबसे समृद्ध स्रोत हैं. जिसके अंदर मानव चित्रण से लेकर पशु-पक्षी जंगली जानवर तक के चित्रण किये जा सकते है.

मिनिएचर का भी कर चुके वर्क

गिर्राज सैनी ने बताया कि कोटा में सीबी गार्डन, गणेश उद्यान, सोगरिया रेलवे स्टेशन, घंटाघर बाईपास की चित्रकारी नयापुरा चौराहा की संपूर्ण चित्रकार रिवर फ्रंट की चित्रकारी आदि स्थानों का कार्य किया गया जयपुर में फाइव स्टार होटल में मिनिएचर वर्क पर्शियन वर्क किया गया है तो वहीं गुड़गांव, नाथद्वारा, उत्तर प्रदेश आदि स्थानों पर मेरे द्वारा बनाई गई चित्रकारी देखी जा सकती है कोटा, बूंदी शैली व वाइल्डलाइफ, पोट्रेट पेंटिंग आदि विधाओं में कार्य किया जाता रहा है.

गिर्राज किसी की भी फोटो देख कागज पर उसकी हूबहू तस्वीर उकेर देते हैं. अभी तक करीब 2000 से अधिक चित्र बना चुके हैं. गिर्राज सैनी के पास कई अधिकारी, बिजनेसमैन लोग इन्हें पेंटिंग बनाने के ऑर्डर भी देते हैं. वहीं लोगों की घरों की दीवारों पर सजाने के लिए अलग-अलग तरह की पेंटिंग बनाकर के देते हैं.

Tags: Kota news, Local18, Rajasthan news

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