बच्चों को देखकर मिली सीख, दुनिया को अलविदा करने से पहले पिता ने किया महादान, बन गए एक मिसाल

सोनाली भाटी/जालौर:- आजकल इस दुनिया में मांगने पर एक वस्तु तक नहीं मिलती. लेकिन इस दुनिया में कुछ ऐसे इंसान भी हुए हैं, जिन्होंने दुनिया से जाते-जाते ऐसा काम कर दिखाया है, जो सभी के लिए एक मिसाल बन चुका है. ऐसा ही एक काम जालौर के ओमप्रकाश आचार्य ने कर दिखाया, जिन्होंने मरने से 2 साल पहले ही अपना शरीर दान कर दिया था.
‘मंजिल तो तेरी यहीं थी, इतनी देर लगा दी आते-आते, क्या मिला तुझे जिंदगी से, अपनों ने ही जला दिया जाते-जाते’ श्मशान घाट के बाहर यह वाक्य लिखा मिल जाता है. लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे दानवीर भी हैं, जिन्होंने अपने जीते जी अपना शरीर ही दूसरों के लिए दान कर दिया. इनमें जालौर के ओम प्रकाश आचार्य भी हैं, जिन्होंने मरने से पहले ही देहदान करने के लिए लायंस क्लब को पत्र भेज कर देहदान का निवेदन किया था.
इस दिन हुई थी मृत्यु
जालौर के ओम प्रकाश आचार्य की मृत्यु 7 मार्च 2023 को हुई, जिसके बाद लायंस क्लब जालौर की ओर से ओम आचार्य के मृत्यु देह को देहदान के लिए एम्बुलेंस से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जोधपुर एम्स को भेजा गया.
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बच्चों को देख आया ये ख्याल
जालौर के तिलक द्वार मार्ग पर रहने वाले ओम प्रकाश गोली, बिस्कीट की लोरी लगाते थे. पत्नी के निधन के बाद ओमप्रकाश अपने दो जुड़वा बच्चों के साथ जीवन यापन कर रहे थे. बच्चों को पढ़ने के लिए जयपुर हॉस्टल में भेजा. उनके दोनों जुड़वा बच्चे गुंगे व बहरे हैं. दोनों बच्चों का इलाज बड़े से बड़े अस्पताल में करवाया, लेकिन हर जगह से नाकामी हासिल हुई. फिर उन्होंने एक प्रण लिया कि वह मरणोपरांत अपना पूरा शरीर दान कर देंगे और उनके देहांत के पश्चात लायंस क्लब जालौर ने देहदान की प्रक्रिया पूरी करवाई.
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FIRST PUBLISHED : March 9, 2024, 17:50 IST