बीएसएफ के बाद टूरिज्म में उतरी सेना
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बाद अब भारतीय सेना पर्यटन में उतर रही है। इसकी शुरुआत जोधपुर स्थित कोणार्क कोर करेगी। कोर पायलट प्रोजेक्ट के तहत भारत व पाकिस्तान के मध्य 1971 के युद्ध में जैसलमेर और बाड़मेर के विभिन्न स्थानों पर लड़ी लड़ाइयों से युवाओं को अवगत कराएगी। कोर कमाण्डर लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर सोमवार सुबह 8.30 बजे मेहरानगढ़ से रणभूमि श्रद्धांजलि यात्रा को हरी झंडी देकर रवाना करेंगे, जो बाड़मेर व जैसलमेर के विभिन्न स्थानों से होते हुए आठ सितम्बर को वापस जोधपुर पहुंचेगी। युवाओं को अवगत कराने के लिए आज से शुरू होगी रणभूमि श्रद्धांजलि यात्रा |
रणभूमि श्रद्धांजलि यात्रा में कोणार्क कोर के साथ राजस्थान सरकार, टूरिस्ट गाइड और 9 पूर्व सैनिक शामिल है। ये पूर्व सैनिक वो हैं, जिन्होंने 1971 की लड़ाई में स्वयं हिस्सा लिया था। पूर्व सैनिक 1971 के युद्ध में लड़े गए बैटल के स्थान पर स्वयं खड़े होकर मेरी कहानी, मेरी जुबान की तर्ज पर टूरिस्ट गाइट्स, एनसीसी कैडेट्स, स्कूली बच्चों और युवाओं को अपना अनुभव बताएंगे।
चार मुख्य लड़ाइयों के स्थल देख सकेंगे
- चार दिन में यह यात्रा पश्चिमी बॉर्डर पर लड़ी गई चार मुख्य लड़ाइयों छाछरों, गडरा रोड, परबत अली और लोंगेवाला के जंग स्थल पर पहुंचेगी।
- मेहरानगढ़ से सोमवार सुबह 8.30 बजे यात्रा रवाना होगी, जिसके साथ 5 पूर्व सैनिक भी चलेंगे। यहां से स्वरूप का तला होते हुए बाकासर से गडरा रोड पहुंचेगी।
- अगले दिन मुनाबाव जाएगी जो टूरिस्ट गाइड व अन्य बॉर्डर भी देख सकेंगे। शाम को मुनाबाव से जैसलमेर पहुंचेगी।
- सात सितम्बर को जैसलमेर के लोंगेवाला और वहां से तनोट माता के मंदिर जाएगी।
- आठ सितम्बर को जैसलमेर से जोधपुर वापस पहुंचेगी।