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सोसाइटी में अभद्रता करने वाले श्रीकांत त्यागी को सताया जान का खतरा, सुप्रीम कोर्ट ने खाारिज की अर्जी

नई दिल्‍ली. नोएडा की एक सोसायटी में मामूली विवाद में महिला से अभद्र व्‍यवहार करने वाले नेता श्रीकांत त्‍यागी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. त्‍यागी ने अपनी अर्जी में मांग की थी कि राज्‍य सरकार उन्‍हें सुरक्षा मुहैया कराए. इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा याचिका को खारिज करने के बाद त्‍यागी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सर्वोच्‍च अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि हम इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्णय में हस्‍तक्षेप करने के इच्‍छुक नहीं हैं. लिहाजा याचिका को खारिज किया जाता है.

बीते साल श्रीकांत त्‍यागी द्वारा महिला से अभद्रता करने का वीडियो प्रकाश में आया था. नोएडा की ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में त्यागी की पत्नी का पेड़ लगाने को लेकर यह विवाद हुआ था. फिर अनु त्यागी के समर्थन में त्यागी समाज के लोग धरने पर बैठ गए थे. जिस पेड़ को हटाने को लेकर श्रीकांत ने महिला से अभद्रता की थी, उसी पार्क में दोबारा पेड़ लगवाने के लिए श्रीकांत की पत्नी अनु त्यागी ने पेड़ मंगवाए थे. गेट पर पेड़ों को गाड़ियों पर लदा देख सोसायटी वाले भड़क गए थे और इसका विरोध करने लगे. इस दौरान विवाद के बीच श्रीकांत त्‍यागी द्वारा की गई अभद्रता का वीडियो वायरल हुआ था.

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सोसाइटी में अभद्रता करने वाले श्रीकांत त्यागी को सताया जान का खतरा, सुप्रीम कोर्ट ने खाारिज की अर्जी

हाई कोर्ट ने क्‍या दिया था तर्क?
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि अगर ऐसे व्‍यक्ति को सुरक्षा दी गई तो उसकी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. ऐसा करने से बड़े पैमाने पर समाज को नुकसान पहुंचेगा. अगर ऐसे व्यक्ति को कोई खतरा है तो यह उसके द्वारा खुद पैदा किया गया है. इसके लिए राज्य सरकार उसे सुरक्षा नहीं दे सकती. हाईकोर्ट ने कहा था कि उस व्‍यक्ति को अपने विरोधियों से सुरक्षा की दलील देने का कोई अधिकार नहीं है, जिसने मानव जीवन को महत्व ना देते हुए हिंसा के रास्ते को चुना.

Tags: Noida news, Supreme Court

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