Rajasthan

बेटे ने लिखा 7 शब्दों का सुसाइड नोट, पढ़ते ही रो पड़ा पिता, एक-एक शब्द में छिपा था दर्द!

आज के समय में लोग मेन्टल हेल्थ को लेकर अवेयर होने लगे हैं. सर्दी-खांसी जैसी बीमारियां नजर आती है. लेकिन मेंटल इलनेस को समझना पड़ता है. इस ग्रसित इंसान जिस दर्द से गुजरता है, उसे किसी दवा से ठीक नहीं किया जा सकता. हाल के दिनों में मेंटल हेल्थ को लेकर कई सेमिनार्स आयोजित किये जाने लगे हैं, जिसमें लोगों को समझाया जाता है कि कैसे अपनी मानसिक स्थिति को ठीक रखा जाए.

इसके बाद भी कई लोग मेंटल हेल्थ के आगे हार जाते हैं. दुनिया में सुसाइड के बढ़े मामले इसी का एक उदाहरण है. लोग अपनी दिल की बात शेयर नहीं कर पाते. इसका नतीजा होता है घुटन. कुछ समय तक लोग इस घुटन के साथ जीते हैं लेकिन जब ये असहनीय हो जाता है तो कई लोग सुसाइड का कदम उठा लेते हैं. राजस्थान के जोधपुर में एक शख्स, जो सरकारी स्कूल में टीचर की अच्छी पोस्ट पर था, उसने भी अपनी जिंदगी का अंत मानसिक परेशानी की वजह से कर डाला.

नहीं उठा रहा था फोन
टीचर का शव मंडोर थाना के पहाड़गंज द्वितीय में एक घर के अंदर से मिला. शख्स वहां किराए पर रहता था. शख्स की पहचान 26 साल के विक्रम सिंह के तौर पर हुई. वो पाली जिले के रायपुरिया में सेकंड ग्रेड टीचर था. हर दिन वो अपने घर पर फोन से बातचीत करता था लेकिन घटना वाले दिन उसने सुबह दस बजे से फोन नहीं उठाया था. इस वजह से परिजन शाम को उसे ढूंढते हुए उसके घर पर आए. अंदर उसका शव झूलता देख परिजनों ने चिल्लाना शुरू कर दिया.

मिला सुसाइड नोट
घरवालों के चिल्लाने पर मोहल्ले वाले भी आए गए. पुलिस को इसकी जानकारी दी गई जिसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया. पुलिस को अंदर से सुसाइड नोट मिला. इसपर शख्स ने लाल कलम से लिखा- असहनीय मानसिक पीड़ा, जो मुझे… सॉरी पापा. मात्र सात शब्दों के इस सुसाइड नोट स एमाउंट का कारण मानसिक तकलीफ सामने आई है. लेकिन अब पुलिस ये पता करने में जुट गई है कि युवक आखिर किस बात से परेशान था?

Tags: Rajasthan news, Shocking news, Suicide, Suicide attempt

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