Rajasthan

Main Reasons For The Resignation Of MLA Hemaram Chaudhary – इनसाइड स्टोरी… तो सीएम गहलोत के बयान से आहत हैं हेमाराम चौधरी

सचिन पायलट को भी नहीं लगी इस्तीफे की भनक, बाड़मेर का प्रशासन नहीं सुनता हेमाराम की, अब पायलट कैंप के हर मूवमेंट पर रहेगी गहलोत कैंप की नजर

फिरोज सैफी/जयपुर
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और सचिन पायलट कैंप के प्रमुख रणनीतिकारों में शुमार गुड़ामालानी से विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे ने जहां कांग्रेस के सियासी गलियारों में भूचाल ला दिया है तो वहीं उनके इस्तीफे को लेकर तरह-तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं लेकिन हेमाराम चौधरी के इस्तीफे की तीन प्रमुख वजह बता बताई जा रही हैं जिसके चलते हेमाराम चौधरी को विधायक पद से इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा है।

मुख्यमंत्री के बयान से आहत हैं हेमाराम
विधायक हेमाराम चौधरी को नजदीक से जानने वाले कार्यकर्ताओं की माने तो हेमाराम चौधरी मुख्यमंत्री के बयान से बेहद आहत बताए जाते हैं। दरअसल सोमवार को प्रदेश कांग्रेस की हुई वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘अगर मेरे विरोधी भी हैं तो भी मिलजुल कर काम करें’, मुख्यमंत्री का यह बयान एक तरह से सचिन पायलट कैंप को लेकर था, जिसके चलते हेमाराम चौधरी सीएम के इस बयान से आहत हो गए। सीएम के बयान को एक बड़ी वजह बताया जा रहा है।

बाड़मेर का प्रशासन नहीं सुनता हेमाराम की
वहीं दूसरी ओर बाड़मेर जिले का प्रशासन वरिष्ठ विधायक हेमाराम की नहीं सुनता। सूत्रों की माने तो बाड़मेर में पूरा प्रशासन मुख्यमंत्री के करीबी और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के इर्द-गिर्द ही रहता है। ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर बड़े अधिकारियों की तैनाती में भी हरीश चौधरी का दबदबा रहता है। बाड़मेर जिला प्रशासन में हरीश चौधरी की मर्जी के बगैर पत्ता भी नहीं हिलता है।

अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए कई बार हेमाराम चौधरी अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं लेकिन उनके विधानसभा क्षेत्र में भी कोई काम नहीं हो पा रहे थे जिस से आहत होते हुए हेमाराम ने बजट सत्र में भी कहा था कि विधायक अगर अपने विधानसभा क्षेत्र के काम ही नहीं करा पाए तो फिर किस बात की विधायकी। हेमाराम के इस्तीफे की एक बड़ी वजह है यह भी है। दरअसल हरीश चौधरी और हेमाराम चौधरी के बीच लंबी अदावत है और दोनों के बीच कई बार ये अदावत खुलकर सामने भी आ चुकी है।

मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होना भी एक बड़ी वजह
दूसरी ओर हेमाराम चौधरी के इस्तीफे की एक बड़ी वजह मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होना भी है। मंत्री नहीं बनाए जाने से भी हेमाराम चौधरी नाराज चल रहे हैं। मंत्रिमंडल में हेमाराम चौधरी की अनदेखी कर हरीश चौधरी को अहमियत देने के चलते भी उनकी नाराजगी कई बार खुलकर सामने आ चुकी है। सरकार बनने के बाद 2018 में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज होकर उनके समर्थकों ने मुख्यमंत्री आवास के बाद धरना भी दिया था।

पायलट को भी नहीं लगने दी इस्तीफे की भनक
वहीं विश्वस्तों की माने तो हेमाराम चौधरी ने अपने इस्तीफे की भनक सचिन पायलट को भी नहीं लगने दी। मेल के जरिए इस्तीफा भेजे जाने की सूचना जब सचिन पायलट के पास पहुंची तब उन्होंने हेमाराम चौधरी फोन पर बात की थी। जिस पर हेमाराम ने अपना इस्तीफा मेल के जरिए विधानसभा स्पीकर को भेजे जाने की बात कही।

पायलट कैंप के हर मूवमेंट पर नजर
दूसरी ओर हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद गहलोत कैंप की नजर अब सचिन पायलट कैंप पर है। गहलोत कैंप से जुड़े नेताओं की मानें तो उन्हें अब इस बात का इंतजार है कि इस पूरे घटनाक्रम के बाद सचिन पायलट कैंप का क्या रुख रहता है?





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