मन की बात में पीएम मोदी बोले- आज़ादी का अमृत महोत्सव एक जन-आंदोलन का रूप ले रहा
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश के लिए यह गौरव की बात है कि आज़ादी का अमृत महोत्सव एक जन-आंदोलन का रूप ले रहा है. उन्होंने ये बातें अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कही. पीएम ने कहा, ‘साथियों, देश के प्रधानमंत्रियों के योगदान को याद करने के लिए आज़ादी के अमृत महोत्सव से अच्छा समय और क्या हो सकता है.’
मन की बात की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘नए विषयों के साथ, नए प्रेरक उदाहरणों के साथ, नए-नए संदेशों को समेटते हुए, एक बार फिर मैं आपसे ‘मन की बात’ करने आया हूं.’ आईए एक नजर डालते हैं पीएम मोदी की इस कार्यक्रम की खास बातों पर….
>>प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों से म्यूजियम जाने की अपील की, उन्होंने कहा, ‘क्यों न आने वाली छुट्टियों में आप अपने दोस्तों की मंडली के साथ किसी स्थानीय म्यूजियमको देखने जाएं.आप अपना अनुभव #MuseumMemories के साथ जरूर साझा करें.
>> पीएम मोदी ने कहा, ‘बाबा साहेब अंबेडकर जी की जयंती पर प्रधानमंत्री संग्रहालय का लोकार्पण हुआ है. गुरुग्राम में रहने वाले सार्थक जी पहला मौका मिलते ही संग्रहालय देख आए.उन्होंने नमो एप पर पीएम संग्रहालय की ऐसी चीजों के बारे में लिखा है, जो उनकी जिज्ञासा को और बढ़ाने वाली थी.
मन की बात
>>पीएम ने कहा कि पिछले कुछ सालों में BHIM UPI तेजी से हमारी अर्थव्यवस्था और आदतों का हिस्सा बन गया है. उन्होंने कहा कि आप भी UPI की सुविधा को रोजमर्रा के जीवन में महसूस करते होंगे.पीएम के मुताबिक इस समय हमारे देश में करीब 20 हजार करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन हर दिन हो रहे हैं.
>>पीएम मोदी ने कहा, ‘साथियों, पानी की उपलब्धता और पानी की क़िल्लत, ये किसी भी देश की प्रगति और गति को निर्धारित करते हैं. आपने भी गौर किया होगा कि ‘मन की बात’ में, मैं, स्वच्छता जैसे विषयों के साथ ही बार-बार जल संरक्षण की बात जरुर करता हूं. संसार में, जल ही, हर एक जीव के, जीवन का आधार है और जल ही सबसे बड़ा संसाधन भी है.
>>पीएम ने कहा, ‘गणित तो ऐसा विषय है जिसे लेकर हम भारतीयों को सबसे ज्यादा सहज होना चाहिए . आखिर, गणित को लेकर पूरी दुनिया के लिए सबसे ज्यादा शोध और योगदान भारत के लोगों ने ही तो दिया है. कैलकुलस से लेकर कंप्यूटर्स तक – ये सारे वैज्ञानिक आविष्कार ज़ीरो पर ही तो आधारित हैं. शून्य, यानी, जीरो की खोज और उसके महत्व के बारे में आपने खूब सुना भी होगा.अक्सर आप ये भी सुनते होंगे कि अगर ज़ीरो की खोज न होती, तो शायद हम, दुनिया की इतनी वैज्ञानिक प्रगति भी न देख पाते.
>>पीएम ने कहा, ‘भारत के गणितज्ञों और विद्वानों ने यहां तक लिखा है कि – यत किंचित वस्तु तत सर्वं, गणितेन बिना नहि ! अर्थात, इस पूरे ब्रह्मांड में जो कुछ भी है, वो सब कुछ गणित पर ही आधारित है.अभी कुछ दिन पहले मुझसे Intel कंपनी के CEO मिले थे | उन्होंने मुझे एक पेंटिंग दी थी उसमें भी वामन अवतार के जरिये गणना या माप की ऐसी ही एक भारतीय पद्धति का चित्रण किया गया था.’
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