महाशिवरात्रि पर भीलवाड़ा के इस मंदिर में रहता है विशेष महत्व, नंदी के कान में कही मुराद होती है पूरी

रवि पायक/भीलवाड़ा : महाशिवरात्रि के अवसर पर भीलवाड़ा शहर सहित जिले भर के प्रमुख शिवालयों में कई प्रकार के आयोजन किया जा रहे हैं. इसके साथ हर मंदिर में ओम नमः शिवाय के गूंज सुनाई दे रही है. भीलवाड़ा के सबसे बड़े शिव मंदिर हरणी महादेव मंदिर में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखा जा रहा है. महाशिवरात्रि को लेकर हरनी महादेव मंदिर में विशेष तौर पर महादेव के महाकाल के तर्ज पर श्रृंगार किया गया. कई भक्त भगवान शिव की सवारी नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहते हुए भी दिखाई दिए.
कहा जाता है कि नदी के कान में कही हुई मनोकामना भगवान शिव जल्द ही पूरी कर देते हैं. इस मंदिर की सबसे बड़ी खास बात यह है कि यहां पर भीलवाड़ा जिले वर्सेस भक्त यहां पहुंचते हैं और महाशिवरात्रि के मौके पर भीलवाड़ा नगर परिषद की ओर से तीन दिवसीय विशाल मेले का आयोजन किया जाता है.
मंदिर ट्रस्ट सदस्य महादेव जाट ने कहा कि हरणी महादेव की पहाड़ी के नीचे स्थित यह विशाल शिव मंदिर करीब 800 साल पुराना है, जिसमें पहाड़ी के नीचे स्वयंभू शिवलिंग है.
गन्ने के रस से होता है दूसरा अभिषेक
इस शिवलिंग की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है. यहां पर पूरे देश भर से भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं और यही नहीं कई भक्तों अलग-अलग जिलों से पैदल चलकर अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंचते हैं यहां पर महाशिवरात्रि के मौके पर दिन में चार बार विशेष अभिषेक किया जाता है. उसके बाद शिवलिंग का विशेष श्रृंगार किया जाता है. पहला अभिषेक सूर्य की पहली किरण के साथ शुरू होता है, जो दूध से होगा. दूसरा अभिषेक गन्ने के रस से, तीसरा अभिषेक गंगाजल और चौथा अभिषेक पंचामृत से होगा.
इसके बाद शिव परिवार का विशेष श्रंगार कर पूजा-अर्चना की जाएगी. महाशिवरात्रि के अवसर पर मंदिर परिसर को शादी के माहौल की तरह टेंट लाइटिंग लगाकर सजाया गया है और कई स्वागत द्वारा भी बनाए गए हैं उन्होंने बताया कि यह स्वयंभू शिवलिंग होने के कारण इसका विशेष महत्व है.
यहां भक्तों की मनोकामना होती है पूरी
मंदिर के पुजारी ने बताया कि शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ पर बेल पत्र, कुमकुम, कच्चा दूध, आंकड़े का पुष्प, गुलाब व हजारे के पुष्प, दूब, धतूरा, फल और चावल चढ़ाए जाते हैं. मंदिर में दर्शन करने आए भक्त जया ने कहा कि हरणी महादेव भीलवाड़ा जिले का पौराणिक शिव मंदिर है. यहां भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने से परिवार में सुख, शांति समृद्धि रहती है. हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि को पावन पर्व माना है.
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FIRST PUBLISHED : March 8, 2024, 22:09 IST