Rajasthan

मिर्धा परिवार में सामने आया संपत्ति विवाद, पूर्व MP ज्योति ने दर्ज कराई FIR, Property dispute surfaced in Mirdha family-former MP Jyoti lodged FIR– News18 Hindi

जोधपुर. राजस्थान के नागौर जिले (Nagaur District) के दिग्गज राजनीतिक परिवार (Political family) का संपत्ति विवाद खुलकर सामने आ गया है. नागौर की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा (Former MP Jyoti Mirdha) ने अपने चाचा भानुप्रकाश मिर्धा और पूर्व पर्यटन मंत्री सहित 13 लोगों के खिलाफ इस संबंध में मामला दर्ज कराया है. इसमें पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने अपने पिता की संपत्ति (Property) को खुर्दबुर्द करने और फर्जी दस्तावेज के सहारे उसे हथियाने का आरोप लगाया है. जोधपुर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में मामला दर्ज कराया गया है. ज्योति मिर्धा के दादा नाथूराम मिर्धा कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं. वह कई बार नागौर के सांसद और विधायक रहे हैं. वह लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता भी रहे हैं. भानुप्रकाश मिर्धा भी नागौर से सांसद रहे हैं. ज्योति खुद एक बार सांसद रही हैं.

पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने जोधपुर कमिश्नरेट के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में परिवाद पेश कर बताया कि भानुप्रकाश मिर्धा ने 1981 में मिर्धा फार्म हाउस की दो रकबा 4 बीघा भूमि भंवरलाल पुत्र रामचंद्र अध्यक्ष आदर्श प्रगतिशील जवाहर सहकारी समिति को बेच दी थी. इस भूमि पर उन्होंने कॉलोनी काटना तय किया. मिर्धा फॉर्म हाउस का जो हिस्सा बेचा गया वह उनके पिता रामप्रकाश मिर्धा का हिस्सा था, लेकिन भानुप्रकाश मिर्धा और अन्य ने मिलकर फर्जी दस्तावेज बनाकर संपत्ति को हथिया लिया.

ज्योति ने लगाए हैं गंभीर आरोप
पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने बताया कि 22 जुलाई 1993 को रामप्रकाश मिर्धा की मौत हो गई थी. उससे 6 महीने पहले भानुप्रकाश ने जनवरी 1993 में रामप्रकाश मिर्धा और 2 गवाहों के हस्ताक्षर युक्त अनापत्ति प्रमाण-पत्र जोधपुर विकास प्राधिकरण में प्रस्तुत किया. वह पूरी तरह से फर्जी था. उस प्रमाणपत्र पर रामप्रकाश मिर्धा के फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे. बाद में इसका फायदा उठाकर उन्होंने संपत्ति को हथिया ली.

पूर्व सांसद ने पूर्व मंत्री सहित 13 पर लगाया आरोप
पूर्व सांसद ने एफआईआर में पूर्व पर्यटन मंत्री ऊषा पूनिया सहित 13 लोगों पर फर्जी तरीके से संपत्ति हथियाने का आरोप लगाया है. ऊषा पूनिया भी पूर्व सांसद ज्योति की रिश्तेदार हैं. पूर्व मंत्री ऊषा पूनिया और भानुप्रकाश मिर्धा के साथ ही इस मामले में बाड़मेर निवासी महेश चौधरी, जोधपुर के पूर्व आईपीएस फिरोज खान की पुत्री रुखसाना और सब रजिस्टार (प्रथम) जोधपुर को भी इसमें आरोपी बनाया गया है.

डीसीपी आलोक श्रीवास्तव नियुक्त करेंगे जांच अधिकारी
पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा की रिपोर्ट चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में दर्ज हुई है, लेकिन इस थाने के थानाधिकारी दोनों ही पार्टियों के रिश्तेदार हैं. इसलिए उन्होंने यह मामला डीसीपी आलोक श्रीवास्तव को भेज दिया है. अब आलोक श्रीवास्तव इस मामले में जांच अधिकारी नियुक्त करेंगे. उसके बाद मामले की आगे बढ़ेगी.

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