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राजस्थानः बीजेपी की सियासी बयार में 'ऑल इज नॉट वेल'

जयपुर। दिल्ली से बीजेपी के कद्दावर नेताओं का राजस्थान दौरा जारी है। कवायद चुनावी तैयारियों की बताई जा रही है लेकिन असल मामला पार्टी में अंदरखाने दिख रही खाई को पाटने का है। अमित शाह इसी कड़ी को जोड़ने के लिए जयपुर पहुंचे थे लेकिन लगता नहीं है मामला शांत हो पाया है।

वसुंधरा गुट अपना दबदबा बनाने की जोर आजमाइश में जुटा है और राजे भी राजनीतिक सभाओं मे अपने बयानों से दावेदारी पेश कर रही है। लेकिन गृहमंत्री अमित शाह का बयान पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

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राजस्थान में CM चेहरे पर सस्पेंस
राजस्थान में चुनावी पारा बढ़ने लगा है। ऐसे में विधानसभा चुनाव में पार्टी सीएम फेस के साथ जाएगी या फिर पीएम मोदी के चेहरे के आधार पर, सवाल बड़ा है लेकिन अमित शाह ने संकेतों से साफ कर दिया हैं कि पार्टी विधानसभा चुनाव 2023 में पीएम मोदी के चेहरे को ही जनता के सामने रखकर वोट मांगेगी। मतलब साफ है पार्टी सीएम फेस घोषित नहीं करेगी। उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में शाह ने ये स्पष्ट किया कि राजस्थान के चुनावी रण में पार्टी पीएम मोदी के चेहरे पर ही उतरेगी।

राजस्थान BJP में सबकुछ ठीक नहीं
अमित शाह के दौरे से पहले गजेंद्र शेखावत-राजे के समर्थकों के बीच पोस्टर वॉर हो चुका है। दरअसल, शेखावत और राजे के बीच प्रतिद्वंद्विता कोई नई बात नहीं है और इसकी शुरुआत 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले हो गई थी। पार्टी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है जो अब होर्डिग्स में भी साफ नजर आ रही है।

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तेजी से बदल रहे हैं सियासी समीकरण
बीजेपी में तेजी से समीकरण बदल रहे हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुन मेघवाल की जुगलबंदी से सतीश पूनिया गुट भी हैरान है। पहले पूनिया और शेखावत वसुंधरा गुट के नेता माने जाते थे, लेकिन चुनाव का समय नजदीक आ रहा है। सियासी समीकरण भी तेजी से बदल रहे हैं।

पूनिया को घेरने के लिए शेखावत लामबंद हो गए है। शाह के जोधपुर दौरे के दौरान पोस्टर पालिटिक्स साफ जाहिर है कि पूनिया समर्थक शेखावत का विरोध कर रहे हैं। मतलब साफ है अमित शाह की मौजूदगी में भले ही पार्टी नेताओं ने एकजुटता दिखाई है। लेकिन खटास बरकरार है।

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