राजस्थान: कांग्रेस की कलह से BJP को मिला मौका, दी अपना कुनबा जोड़कर रखने की नसीहत
हाइलाइट्स
राजस्थान कांग्रेस में मची कलह के बाद भाजपा को तंज कसने का मौका मिला.
बीजेपी के कई नेताओं ने कांग्रेस पर तंज कसा है और नसीहत देने से नहीं भी चूके हैं.
भाजपा के अमित मालवीय ने ट्वीट करके कहा कि ये एक वंश के लुप्त होने की कहानी है.
जयपुर. राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री के पद को लेकर मची कलह के बाद भाजपा को तंज कसने का मौका मिला है, जिसे उसने बखूबी लपकने में कोई वक्त नहीं गंवाया है. बीजेपी के कई नेताओं ने कांग्रेस पर तंज कसा है और नसीहत देने से नहीं भी चूके हैं. भाजपा के सोशल मीडिया प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट करके कहा कि ‘पुत्र अगर नालायक निकल जाए तो अशोक गहलोत जैसे दरबारी भी खीसें निपोरने लगते हैं. राजस्थान में बगावत से पहले गहलोत सोनिया गांधी के विश्वसनीय माने जा रहे थे. लेकिन अब गांधी परिवार और अशोक गहलोत के बीच इस अविश्वास की खाई को भर पाना मुश्किल है. ये एक वंश के लुप्त होने की कहानी है.’
इससे पहले भी अमित मालवीय ने ट्वीट करके कहा था कि ‘इंदिरा गांधी और राजीव गांधी, दोनों ने एक ही समय में प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला. अशोक गहलोत निर्वाचित होने पर कांग्रेस अध्यक्ष होने के साथ-साथ मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. गांधी और दूसरों के लिए अलग-अलग मानक क्यों होने चाहिए? अशोक गहलोत कमजोर गांधी परिवार को आंख दिखा रहे हैं. क्या सोनिया और राहुल गांधी किसी ऐसे व्यक्ति को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में रखने का जोखिम उठा सकते हैं.’
केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि ‘राजस्थान में कांग्रेस दो भागों में बंटी नजर आ रही है. अशोक गहलोत हमारे ऊपर आरोप लगा रहे थे लेकिन अनिश्चितता इनके अंदर से है. ये स्पष्ट नजर आ रहा है. लोकतंत्र में बहुमत होना चाहिए. लेकिन दिखाई नहीं दे रहा. राज्यपाल इसको देखेंगे. हम जनता के बीच में जाएंगे. सचिन पायलट कल विधायक दल की मीटिंग के लिए गए थे. लेकिन मीटिंग हुई ही नही. उनकी लड़ाई में राजस्थान का नुकसान हो रहा है.’
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राजस्थान में कांग्रेस में सीएम के पद को लेकर चल रही रस्साकशी पर कहा कि ‘भारत जोड़ो’ में मनोरंजन कम हुआ, जो अब राजस्थान में भी शुरू हो गया है. राज्य में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है. कांग्रेस सिर्फ सत्ता का सुख भोगना चाहती है, जनता की सेवा नहीं करना चाहती. कांग्रेस में न दिशा है न नेता है.
मौका देख बीजेपी के राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी कांग्रेस की अंदरूनी कलह पर तंज कसते हुए कहा कि पहली बात तो काग्रेस का आलाकमान नीतिगत निर्णय लेने में कमजोर है. राजस्थान का दुर्भाग्य है कि ऐसी सरकार 4 साल सत्ता पर काबिज रही, जिसने 32 परसेंट बेरोजगारी दी. इस सरकार का यही अंजाम होना था. ये फिक्र जरूर है कि इस अस्थिरता से नुकसान राजस्थान को हुआ है. कांग्रेस के राज ने राजस्थान को नर्क बना दिया है.
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सतीश पूनिया ने कहा कि ‘यह घटना नई नहीं है. यह राजनीतिक पाखंड भी हो सकता है. मुझे लगता है कि कांग्रेस आलाकमान कमजोर है. हमारी चिंता यह है कि ये राजस्थान के लोगों के लिए एक नुकसान है. अशोक गहलोत ने विरासत में ऐसी सरकार छोड़ी है, कोई भी भगवान भी स्थिति को उलट नहीं पाएगा. मुझे लगता है कि यह राजस्थान के लिए कांग्रेस का आखिरी प्रयास है. 2023 में राजस्थान से कांग्रेस हमेशा के लिए चली जाएगी. मेरी राय में, कांग्रेस ने राजस्थान में जो स्थिति पैदा की है, वह दोबारा नहीं होगी.’
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Tags: Amit malviya, Anurag thakur, Ashok gehlot, BJP, Congress, Rajasthan Political Crisis, Sachin pilot
FIRST PUBLISHED : September 26, 2022, 12:31 IST