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राजस्थान का केंद्र को अल्टीमेटम, GST की दरें जीरो करने की मांग, जानें क्या है मामला

राजस्थान सरकार ने केंद्र से की बड़ी मांग.’ (फाइल फोटो)

राजस्थान सरकार ने केंद्र से की बड़ी मांग.’ (फाइल फोटो)

राजस्थान के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने केंद्र सरकार से जल्द राज्यों को बकाया जीएसटी (GST) का भुगतान करने की मांग की है.

जयपुर. राजस्थान समेत 7 राज्यों पश्चिम बंगाल, पंजाब, झारखंड, छत्तीसगढ़ , केरल और तमिलनाडु ने केंद्र सरकार से अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि कोविड-19 (COVID-19) संबंधित सामानों में जीएसटी (GST) की दरें जीरो हो. इन राज्यों के वित्त मंत्रियों ने केंद्र सरकार से बकाया जीएसटी (GST) क्षतिपूर्ति राशि शीघ्र जारी करने का भी अनुरोध किया है. 28 मई को प्रस्तावित जीएसटी काउंसलिंग की बैठक से पूर्व राजस्थान की मेजबानी में इन राज्यों के वित्त मंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अहम बैठक हुई. राज्य के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने बुधवार को अपने निवास स्थान से आयोजित वर्चुअल मीटिंग में छह राज्यों के वित्त मंत्रियों से संवाद किया. मंत्री धारीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार शीघ्र राज्यों को बकाया जीएसटी का भुगतान करे. उन्होंने अन्य राज्यों के वित्त मंत्रियों की उस मांग का भी पुरजोर तरीके से समर्थन किया जिसमें केंद्र सरकार को कोविड से संबंधित सामानों पर ज़ीरो दर से कर लगाने का आग्रह किया है. धारीवाल ने सभी वित्त मंत्रियों से आग्रह किया कि वे इन सभी मुद्दों पर एकजुट रहें और 28 मई को प्रस्तावित जीएसटी परिषद की बैठक में इन्हें पुरजोर तरीक़े से केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष उठाए. केंद्र संघवाद की भावना से काम करें सभी राज्यों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि केन्द्र सरकार को कॉओपरेटिव फेडरलिज्म की भावना का सम्मान करते हुए राज्यों को उनके हिस्से की जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि जारी करनी चाहिए ताकि कोविड-19 के कारण राज्यों को हो रहे राजस्व घाटे की भरपाई हो सके. साथ ही अतिरिक्त उधार की सीमा बढ़ाकर 5 प्रतिशत करने पर भी सहमति व्यक्त की.मीटिंग में पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री डॉ. अमित मित्रा, पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल,  झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री टीएस सिंह देव, केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल और तमिलनाडु के वित्त मंत्री पलानीवेल त्याग राजन ने जीएसटी से संबंधित मुद्दों पर विचार व्यक्त किए और केंद्र सरकार से शीघ्र समाधान की मांग की.





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