राजस्थान की इस सीट पर दिलचस्प त्रिकोणीय मुकाबला, केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी की साख दांव पर
बाड़मेर. राजस्थान में सबसे दिलचस्प और कड़ा मुकाबला बाड़मेर में हो रहा है. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है. कुछ महीने पहले छात्रनेता से विधायक बने रविंद्र भाटी के नामांकन के बाद न सिर्फ बीजेपी प्रत्याशी कैलाश चौधरी मुश्किल में फंस गए बल्कि कांग्रेस प्रत्याशी की सांसे फूल रही हैं. बाड़मेर सीट पर 2014 जैसे हालात बन गए हैं. तब पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह की बगावत से बीजेपी फंस गई थी. भाटी की नामांकन रैली के दौरान बाड़मेर में जन सैलाब दिखाई दिया.
बाड़मेर की सड़कों पर मानो जन सैलाब का समंदर उतर आया. रविंद्र सिंह भाटी ने आज निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बाड़मेर से नामांकन दाखिल किया. नामांकन के बाद आदर्श स्टेडिम में नामांकन सभा में इतनी भीड़ कि मानो चुनावी सभा नहीं कोई क्रिकेट मैच चल रहा हो. सभा खत्म हुई तो भाटी की कार के आगे पीछे एक किलोमीटर तक भीड़ का सैलाब दिखा.
भाटी के नामांकन से केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ज्यादा मुश्किल में
बाड़मेर में मैच एक तरफा नहीं. एक दिन पहले कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम की नामांकन रैली में भी भीड़ कम नहीं थी. उम्मेदाराम हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी से कांग्रेस में शामिल हुए थे. कांग्रेस ने बाड़मेर से टिकट दे दिया लेकिन भाटी के नामांकन से ज्यादा मुश्किल में नजर आ रहे हैं बीजेपी प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी. वजह है भाटी के नामांकन से परंपरागत राजपूत वोट और पीएम मोदी से प्रभावित युवा और महिला वोट बैंक में सेंध का खतरा. चौधरी का कहना है कि आखिर में वोट मोदी के नाम पर ही पड़ेगा.
बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुन्नौती बाड़मेर में
राजस्थान में 25 सीट में बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती बाड़मेर में ही है. भाटी के समर्थक भाटी को मारवाड़ का मोदी कहते हैं. वह सोशल मिडिया पर काफी लोकप्रिय हैं. महज 26 साल की उम्र में तीन महीने पहले बाड़मेर के शिव से भाटी निर्दलीय विधायक चुने गए थे, भाटी तब बीजेपी में थे. टिकट नहीं दिया तो बागी हो गए थे. भाटी जोधपुर यूनिवरसिटी छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहे हैं. बाड़मेर में 2014 में भी ऐसे ही हालात बने थे तब बीजेपी से बगावत कर केंद्रीय मंत्री रहे जसवंत सिंह ने निर्दलीय ताल ठोकी थी. हालांकि मोदी लहर के चलते बीजेपी सीट बचाने में सफल रही. बाड़मेर में जाट दलित राजपूत और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 4, 2024, 23:37 IST