राजस्थान के इस शहर में तीज पर मुस्लिम परिवार बनाते हैं स्पेशल मिठाई, घेवर से भी ज्यादा है डिमांड

मोहित शर्मा/ करौली. सावनी तीज के अवसर पर यदि किसी मिठाई की सबसे ज्यादा मांग रहती है तो वह हैं राजस्थान का पारंपरिक व्यंजन घेवर. मगर राजस्थान के करौली में तीज के त्यौहार की प्रसिद्ध मिठाई घेवर के अलावा यहां एक खास प्रकार की मिठाई भी तैयार की जाती है. जो केवल पूरी दुनिया में यहीं पर बनाई जाती है. जिसकी मांग सबसे ज्यादा तीज के त्योहार से राखी तक चलती हैं. सबसे खास बात यह कि तीज के अवसर बनने वाली इस खास मिठाई को यहां के मुस्लिम परिवार तैयार करते हैं. तिली पर चासनी चढाकर बनाई जाने वाली यह खास मिठाई बारीक कण जैसी दिखाई देती है. जिसे यहां पर तिल चामड़ी के नाम से जाना जाता हैं.
तीज के अवसर पर बनने वाली इस खास मिठाई के बारे में स्थानीय राजेंद्र गुप्ता का कहना है कि तिल चामड़ी नाम की यें मिठाई करौली में सावनी तीज के अवसर पर बनती और चलती हैं. जिसका महत्व और उपयोग हिंदुओं में तीज के त्योहार और राखी की सोगियों में होता है.
तीज पर बहुत ज्यादा रहती है इसकी मांग
कई पीढियां से इस मिठाई को बनाते आ रहे कमर खान बताते हैं कि यहां तीज के अवसर पर तिली की खास मिठाई बनती हैं. जों सोगियों में चलती है. तीज के अवसर पर इसकी मांग ज्यादा रहने के साथ इसकी बिक्री भी बहुत ज्यादा होती है. वह बताते हैं कि तिल चामड़ी नाम की इस मिठाई की करौली सहित इसके आसपास के इलाकों में जबरदस्त मांग रहती है. बड़ी मेहनत के साथ बनने इस मिठाई के अंदर तिली होती हैं. जिसके ऊपर मीठे के लिए चासनी चढ़ाई जाती हैं.
पूरी दुनिया में केवल यहां 15 से 20 दिन है चलती
इस खास मिठाई को तैयार करने वाले व्यापारी बताते हैं कि यह पूरी दुनिया में केवल 15 से 20 दिन के लिए सावन के त्यौहार तीज और राखी के लिए बनाई जाती है. तिली और चासनी से बनाई जाने वाली यह तिल चामड़ी मिठाई महीने भर तक खराब भी नहीं होती.
बड़ी मेहनत के साथ होती है तैयार
तिल चामड़ी नाम की इस खास मिठाई को बनाने वाले कमर खान बताते हैं कि इसको चासनी लेकर बढ़िया वाली तिली पर बनाया जाता है. जों बड़ी मेहनत के बाद बनकर तैयार होती है. जों कि शहर के बूरे बताशे बाजार में ₹100 से लेकर ₹120 किलो तक बिकती है.
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FIRST PUBLISHED : August 17, 2023, 12:20 IST