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मॉडल स्कूल की अटल टिंकरिंग लैब से बच्चों में पनप रही वैज्ञानिक सोच, कई गैजेट्स इंस्पायर योजना में सेलेक्ट

Last Updated:March 30, 2025, 18:13 IST

करौली के स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल की अटल टिंकरिंग लैब बच्चों में वैज्ञानिक सोच और नवाचार की भावना विकसित कर रही है. हाल ही में यहां के रोबोटिक मॉडल राज्य स्तर पर चयनित हुए हैं.X
अटल
अटल टिंकरिंग लैब मॉडल स्कूल करौली 

हाइलाइट्स

अटल टिंकरिंग लैब बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित कर रही हैस्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल के रोबोटिक मॉडल राज्य स्तर पर चयनित हुएकरौली जिले में 8 अटल टिंकरिंग लैब्स संचालित हो रही हैं

करौली. जिले के स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल में संचालित अटल टिंकरिंग लैब (ATL) बच्चों में वैज्ञानिक सोच और नवाचार की भावना विकसित कर रही है. इस अत्याधुनिक लैब में विद्यार्थी ऐसे तकनीकी गैजेट्स और रोबोटिक्स प्रोजेक्ट्स तैयार कर रहे हैं, जो डिजिटल युग में लोगों के लिए बेहद मददगार साबित हो सकते हैं. हाल ही में, यहां के कुछ रोबोटिक मॉडल भारत सरकार की इंस्पायर अवॉर्ड योजना के तहत राज्य स्तर पर चयनित हुए हैं, जो मॉडल स्कूल की टिंकरिंग लैब की उपलब्धि को भी दर्शाते हैं.

हाल ही में मॉडल स्कूल में ‘हैंड्स-ऑन वर्कशॉप’ आयोजित की गई, जिसमें छात्रों ने अपने बनाए गए रोबोटिक गैजेट्स का प्रदर्शन किया. उन्होंने यह भी बताया कि ये उपकरण आम लोगों के जीवन में कैसे उपयोगी हो सकते हैं. इस कार्यशाला के दौरान छात्रों ने न केवल अपनी तकनीकी प्रतिभा को निखारा बल्कि विज्ञान और नवाचार को एक नए दृष्टिकोण से देखने की क्षमता भी विकसित की.

वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दे रही हैं अटल टिंकरिंग लैब्सइस लैब के माध्यम से बच्चे सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक विज्ञान को भी सीख रहे हैं, जिससे उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित हो रहा है. स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल के अटल टिंकरिंग लैब प्रभारी अमित शर्मा ने बताया कि इस प्रयोगशाला की स्थापना भारतीय नीति आयोग द्वारा अटल इनोवेशन मिशन के तहत वर्ष 2019 में की गई थी.

करौली जिले में आठ अटल टिंकरिंग लैब्स संचालितकरौली जिले में कुल 8 अटल टिंकरिंग लैब्स कार्यरत हैं, जहां बच्चों को विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग करने और नवाचार को अपनाने का अवसर मिल रहा है.इन प्रयोगशालाओं से कई प्रतिभाशाली छात्र उभरकर आ रहे हैं, जो भविष्य में देश के वैज्ञानिक और तकनीकी विकास में योगदान दे सकते हैं.

कार्यशाला के दौरान छात्रों ने न केवल आधुनिक तकनीकों पर काम किया, बल्कि प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक विरासत को भी समझने का प्रयास किया. उन्होंने यह जाना कि कैसे भारतीय वैज्ञानिकों ने परंपरागत विज्ञान और तकनीक को अपनाकर आविष्कार किए .इसके साथ ही, छात्रों ने वर्तमान और भविष्य में रोबोटिक्स, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और अन्य उन्नत तकनीकों के संभावित उपयोगों पर भी चर्चा की.

Location :

Karauli,Rajasthan

First Published :

March 30, 2025, 18:13 IST

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मॉडल स्कूल की अटल टिंकरिंग लैब से बच्चों में पनप रही वैज्ञानिक सोच, जानें यहां

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