राजस्थान में कई चीजों पर लग जाएगी पाबंदियां, आचार संहिंता लगने के बाद होता है ये सब | lok sabha election dates 2024 what is election commission model code of conduct know its rules regulations

चुनाव आयोग के लोकसभा चुनाव का शेड्यूल जारी करने के साथ ही राजस्थान सहित पूरे देश में आचार संहिता लागू हो गई है। इस दौरान कई पाबंदियां लग जाएंगी। आचार संहिता लगने के बाद क्या कुछ बदलेगा, आइए आपको बताते हैं।
आचार संहिता है क्या
Model Code Of Conduct : सबसे पहले जान लें कि आचार संहिता है क्या? दरअसल, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए चुनाव आयोग कुछ सख्त नियम तैयार करते हैं, इन नियमों को आचार संहिता के नाम से जाना जाता है। देश में लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा का, इन आचार संहिता की पालना हर राजनीतिक पार्टियों, नेताओं और सरकारों द्वारा किया जाता है।
आचार संहिता उल्लंघन पर होती है ये सजा
– अगर कोई पार्टी, नेता या सरकार आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन करता है तो 1860 का भारतीय दंड संहिता, 1973 का आपराधिक प्रक्रिया संहिता और 1951 का लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम लागू किया जा सकता है।
– चुनाव आयोग 1968 के चुनाव चिह्न आदेश के पैराग्राफ 16ए के तहत किसी पार्टी की मान्यता को निलंबित कर सकती है।
– यदि कोई एमसीसी नियमों का उल्लंघन करता है, तो आमतौर पर उसे सजा नहीं होती लेकिन कुछ मामलों को छोड़कर जिसमें एमसीसी का उल्लंघन ‘भारतीय दंड संहिता और लोक प्रतिनिधित्व’ कानून, 1951 के तहत एक अपराध है। ऐसे मामलों को अंजाम देने वाले व्यक्ति को कारावास हो सकती है।
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान कब तक लागू रहेगी आचार संहिता
16 मार्च से आचार संहिता लागू हो रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान न सिर्फ राजस्थान बल्कि पूरे देश में आचार संहिता लागू होती है। लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम आने तक यह लागू रहेगी। इस दौरान बहुत सारी शक्तियां चुनाव आयोग के हाथों में चली जाती हैं।
राजस्थान सहित पूरे देश में इन चीजों पर पाबंदी
– कोई भी पार्टी सरकारी पैसे का इस्तेमाल किसी राजनीतिक दल या व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं कर सकती।
– चुनाव प्रचार के दौरान सरकारी गाड़ी, बंगले, विमान या फिर सरकारी सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
– आचार संहिता लागू होने पर कोई भी सरकारी घोषणा, शिलान्यास या लोकार्पण नहीं किया जा सकता।
– कोई भी रैली या जनसभा करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी जरूरी होती है।
– रैली में धर्म, जाति के आधार पर वोट मांगना पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
– इस दौरान चुनाव से जुड़े किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। अगर जरूरी हो तो चुनाव आयोग से अनुमति लेनी अनिवार्य है।
– मीडिया में सरकारी खर्चों से विज्ञापन देने पर रोक लगाई जाती है।
– रात के 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक है।
– राजनेता किसी भी जाति, धर्म के लोगों के प्रति घृणा बढ़ाने वाली गतिविधि नहीं कर सकतें।
– धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए करने पर रोक होती है।
– किसी व्यक्ति की भूमि पर झंडा लगाने, या कोई भी गतिविधि करने से पहले उसकी अनुमति लेनी जरूरी होती है।
– मतदान के दौरान मतदाता को छोड़कर कोई अतिरिक्त व्यक्ति बूथ में प्रवेश नहीं कर सकता।
मतदान से 48 घंटे पहले बंद हो जाता है प्रचार
आचार संहिता के मुताबिक, मतदान होने से तकरीबन 48 घंटे पहले पार्टियों द्वारा प्रचार-प्रसार बंद कर दिया जाता है।