राजस्थान में पेट्रोल-डीजल सस्ता, केंद्र ने 2 और राज्य ने 5.30 रुपए तक घटाए दाम, नई दरें लागू | Petrol and diesel cheaper in Rajasthan, new rates come into effect from today

वहीं डीजल की दरें 1.34 से 4.85 रुपए तक कम होगी। इस निर्णय से सबसे बड़ा फायदा प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में होगा। सरकार ने तय किया है कि अब जो दर जयपुर में पेट्रोल-डीजल की होगी, वही दर सभी जिलों में होगी। अभी तक सीमावर्ती जिलों में पेट्रोल-डीजल की अलग-अलग दरे हैं। गुरुवार को राज्य कैबिनेट की मुख्यमंत्री भजनलाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय किया गया।
जयपुर सहित सभी जिलों में समान रेट पर मिलेगा पेट्रोल-डीजल
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राजस्थान में पेट्रोल-डीजल की दरों में विसंगतिया थीं। उन्हें दूर किया गया है। पहले जिलों में दरें अलग-अलग थीं और प्रदेश में ही पेट्रोल-डीज़ल की दरों में 5 रुपए प्रति लीटर तक का अंतर था। सबसे ज़्यादा महंगा डीजल सीमावर्ती जिलों में था। इससे बॉर्डर इलाकों के पेट्रोल पंपों पर बिक्री कम हो रही थी। लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए ही 2 प्रतिशत वेट कम किया है। राज्य सरकार ने पेट्रोल-डीजल की दरें कम कर पीएम नरेन्द्र मोदी की गारंटी को पूरा किया है। पेट्रोल-डीजल पर दरें कम करने से सरकार पर 1 हजार 500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा।
4 फीसदी बढ़ा महंगाई भत्ता, 1640 करोड़ का भार
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी बढ़ोतरी की गई है। एक जनवरी से 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता देय होगा। इसका लाभ 8 लाख कर्मचारी और 4 लाख 40 हजार पेंशनर्स को मिलेगा। इससे राज्य सरकार पर करीब 1640 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा।
पेपरलीक पर सख्ती, 63 आरोपी पकड़े
मुख्यमंत्री ने अपने तीन माह के कार्यकाल का लेखा-जोखा पेश करते हुए कहा कि भाजपा सरकार बनने के बाद प्रदेश में तमाम जनहित के काम सरकार ने किए हैं। पेपर लीक मामले की जांच कर सख़्त कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। एसआईटी गठन का वादा किया था, वो पूरा कर दिया गया है। एसआईटी जिस तरह काम कर रही है, वो सभी के सामने हैं। पेपरलीक में अब तक 63 आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है।
ईआरसीपी के लिए जमीन अधिग्रहण शुरु, स्टाफ लगाया
ईआरसीपी को लेकर सीएम ने कहा कि योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। जरूरत के मुताबिक स्टाफ की नियुक्ति कर दी गई है। जमीन अधिग्रहण का भी काम शुरू हो चुका है।
ऊर्जा के क्षेत्र में होगा सवा दो लाख करोड़ का निवेश
सीएममे कहा कि तीन साल बाद बिजली में हम सरप्लस होंगे और दूसरे प्रदेशों को बिजली आपूर्ति करने की स्थिति में आ जाएंगे। उन्होंने बताया कि बीते दिनों 3 हजार 325 मेगावाट की थर्मल परियोजनाएं एवं 28 हजार 500 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं संयुक्त उपक्रम स्थापित करने के लिए करीब 1 लाख 60 हजार करोड़ रूपए के एमओयू किए गए है। राजस्थान ऊर्जा विकास निगम एवं एसजेवीएन के मध्य 600 मेगावाट सौर उर्जा परियोजनाओं से बिजली की आपूर्ति के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसमें 100 मेगावाट टैरिफ आधारित निविदा प्रक्रिया के तहत 2.62 पैसे प्रति यूनिट तथा 500 मेगावाट एमएनआरई की सीपीएसयू स्कीम के तहत 2.57 पैसे प्रति यूनिट की दर पर 25 वर्षों के लिए विद्युत आपूर्ति की जाएगी। शर्मा ने बताया कि 4 800 मेगावाट कोल आधारित परियोजना, 8000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना टैरिफ आधारित निविदा प्रक्रिया माध्यम से करने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इन परियोजनाओं की स्थापना से लगभग 64,000 करोड़ रूपये का निवेश आने की उम्मीद है। इस प्रकार प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में कुल करीब सवा दो लाख करोड़ रूपए का निवेश होगा।
हम जो कहते हैं, वो करते हैं
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार अपनी योजनाएं आगामी 20 से 25 साल की जरूरत को देखते हुए बना रही है। प्रदेश को विकसित और अग्रणी राज्य बनाएंगे। राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार के तीन माह के और अब हमारी सरकार के तीन माह के कामों की तुलना करेंगे तो अंतर मिलेगा। हम जो कहते हैं वो करते हैं। जनता से जो वादे किए हैं। वो समय से पहले पूरा करेंगे। देश की जनता को प्रधानमंत्री पर पूरा विश्वास है। इस दौरान उप मुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा और दिया कुमारी भी मौजूद रहीं।