राजस्थान में राज्यसभा चुनाव की आहट ने बढ़ाई हलचल, जानिए 4 सीटों के वोटों का गणित
जयपुर. राजस्थान में राज्यसभा की दस सीटों में से चार सीटें आगामी 4 जुलाई को रिक्त होने वाली हैं. इन चारों सीटों पर भाजपा अभी तक काबिज थी लेकिन साल 2018 में विधानसभा चुनावों में प्रदेश में बदली सत्ता के बाद अब इन चार में से दो सीटों पर कांग्रेस साफ तौर पर काबिज होने वाली है. इसके साथ ही एक अन्य सीट भाजपा की मानी जा रही है. एक सीट जीतने के लिए प्रथम वरीयता के 41 वोट चाहिए. इस लिहाज से सत्ता धारी पार्टी कांगेस की दो सीटें साफ नजर आ रही हैं. तीसरे में कांग्रेस अपने सहयोगी दल और निर्दलीय विधायकों के जरिए जीत दर्ज करवाने की जुगत में है.
प्रदेश में कुछ समय बाद राज्यसभा चुनाव का रण शुरू होने जा रहा है. हालांकि यह रण आम चुनाव जैसा नहीं होता है. इसमें राजनैतिक पार्टियों के विधायक मतदाता होंगे तो वहीं पार्टियां अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेंगी. आगामी चार जुलाई को प्रदेश की दस सीटों में से चार सीटों पर चुनाव होने जा रहा है. अभी तक इन चारों सीटों पर भाजपा के ओम प्रकाश माथुर, के.जे. अल्फोंस, रामकुमार वर्मा, हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर निर्वाचित हुए थे. माना जा रहा है कि मई के अंतिम सप्ताह में राज्यसभा चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और मध्य जून तक इसे पूरा कर लिया जाएगा.
कांग्रेस के पावर आने का दिखा प्रभाव
प्रदेश में 2018 के सत्ता परिवर्तन होने के बाद कांग्रेस काबिज हुई और इसका प्रभाव भी साफ देखने को मिला है. एक समय सभी दस की दस सीटें भाजपा के पास थीं. उनमें से तीन सीटें कांग्रेस के खाते में आ गई हैं. इन चुनावों के बाद कांग्रेस की राज्यसभा सीटों की संख्या में इजाफा होगा. असल में राज्य सभा चुनाव अनुपातिक पद्धति के मुताबिक इस बार चार सीटें रिक्त हैं. इस लिहाज से हर एक प्रत्याशी को जीत के लिए प्रथम वरीयता के 41 वोट चाहिए.
क्या कहता है राज्यसभा के चुनाव का वोट गणित
असल में राज्यसभा के चुनाव में विधायक हिस्सा लेते हैं. राज्यसभा का चुनाव इस फॉर्मूले पर होता है. जिसमें विधायकों की कुल संख्या में राज्यसभा की रिक्त सीटों की संख्या और फिर एक जोड दिया जाता है. मसलन राजस्थान में 200 विधायक हैं इसमें चार रिक्त सीट प्लस एक का भाग दिया जाएगा. इस तरह से यह संख्या 40 आती है जिसमें एक जोड़ा जाता है. इस तरह से 41 वोट चाहिए.
वर्तमान में विधायकों की संख्या का गणित:
भारतीय जनता पार्टी- 71
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मा.)- 2
निर्दलीय- 13
इन्डियन नेशनल कांग्रेस- 108
राष्ट्रीय लोक दल-1
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी- 3
भारतीय ट्राइबल पार्टी-2
वर्तमान में कांग्रेस के पास 108 सीटे होने के कारण दो सीटे जीतने के लिए प्रयाप्त 82 वोट हैं लेकिन तीसरी सीट जीतने के लिए कांग्रेस के पास 15 वोटों की कमी रहने वाली है. 13 निर्दलीय है तो राष्ट्रीय लोकदल के एक अभी सरकार के साथ में है. वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मा.) और भारतीय ट्राइबल पार्टी ऐसे में माना जा रहा है कि तीन सीटों पर कांगेस काबिज होगी. वही भाजपा के पास 71 विधायक हैं. इस लिहाज से एक सीट पर जीत दर्ज हो सकेगी.
बहरहाल चुनावों की घोषणा होने के बाद से राजनैतिक पार्टियों में चुनावी सरगर्मियां बढ़ने लगी है. साथ ही राजस्थान की चौथी सीट के लिए बांडे बन्दी तक हो सकती है. वहीं इन राज्यसभा की सीटों के बदले हुए परिणाम राष्ट्रपति के चुनाव पर भी साफ नजर आएगा. इन सीटों को लेकर राजस्थान का सियासी गणित उलझ गया है.
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