राज्य के लिए लकी साबित हुआ गणतंत्र दिवस, 4 दिग्गजों को मिला पद्मश्री, बहरूपिया बाबा का नाम भी शामिल

75th रिपब्लिक डे की पूर्व संध्या राजस्थानियों के लिए ख़ुशख़बरी लेकर आई. केंद्र सरकार ने चार लोगों को पद्मश्री देने की घोषणा की है. इसके बाद से पूरे राजस्थान में हर्ष का माहौल है. केंद्र सरकार ने कुल 132 नामों की घोषणा की है, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में रहते हैं. उन्होंने अपने काम से नाम कमाया है. इनमें से पांच को पद्म विभूषण, एक सौ दस को पद्मश्री और सत्रह को पद्म भूषण दिया जाएगा.
जारी किये गए नामों में चार राजस्थान के हैं. इनमें जानकी लाल, अली-गनी मोहम्मद, लक्ष्मण भट्ट तैलंग और माया टंडन का नाम शामिल है. इन चारों ने ही अपने काम से राज्य का नाम दुनिया में प्रखर किया है. जहां अली-गनी ने राजस्थान के प्रसिद्द मांड गायकी को दुनिया तक पहुंचाया है. वहीं माया टंडन रिटायरमेंट के बाद 1995 से सड़क हादसों में घायल हुए लोगों की जान बचाने में जुटी हुई हैं.
लोगों में हैं मशहूर
जिन चार हस्तियों का नाम आया है, उन्होंने राज्य के लिए काफी काम किया है. अली-गनी बीकानेर के तेजरासर गांव में रहते हैं. भाइयों की इस जोड़ी ने मांड गायकी को इंटरनेशनल पहचान दिलाई है. इन्हें इससे पहले राजस्थान सरकार कलाश्री और राजस्थान संगीत अकादमी की तरफ से लता मंगेशकर सम्मान दिया जा चुका है. लिस्ट में 93 साल के पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग का नाम भी शामिल है. उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी ध्रुपद गायन कला को पहचान दिलाने में बिता दी है.
बहरूपिया बाबा का नहीं है जोड़
इस बार 81 साल के जानकीलाल जिन्हें भीलवाड़ा के बहरूपिया बाबा के नाम से भी जाना जाता है, उन्हें भी ये सम्मान मिलेगा. उन्होंने पिछले साठ साल से बहरूपिया कला को जिन्दा करके रखा है. वो कहानियों के माध्यम से इस कला को लोगों के सामने पेश करते हैं. आज के समय में ये कला विलुप्त होती जा रही है. लेकिन अकेले बहरूपिया बाबा इसे जिन्दा रखे हुए हैं.
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FIRST PUBLISHED : January 26, 2024, 11:04 IST