रामदेव-बालकृष्ण हाजिर हों! इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की शिकायत, आयुर्वेद के जरिए रोगों के इलाज का भ्रामक दावा करने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज | Yoga Guru Ramdev and Acharya Balkrishna Summoned By Supreme Court Over Patanjali’s Misleading Ads

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान रामदेव के वकील मुकुल रोहतगी से पूछा कि आपने अभी तक जवाब दाखिल क्यों नहीं किया है? अब हम आपके मुवक्किल को अदालत में पेश होने के लिए कहेंगे। हम रामदेव को भी पक्षकार बनाएंगे। रामदेव और आचार्य बालकृष्ण दोनों को अदालत में पेश होना होगा। इस मामले में अब अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।
पूरा मामला एलोपैथिक दवा के प्रभाव को कम बताने और आयुर्वेदिक प्रोडक्ट ख़ासकर पतंजलि ही की आर्युवेदिक दवाओं को कई रोगों के इलाज का एकमात्र साधन होने का रामदेव द्वारा दावा किए जाने से जुड़ा है। एलोपैथ को कमतर बताने के बयान और अपने उत्पादों को कई रोग के इलाज होने का दावा करने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज़ है।
गौरतलब है कि इसी साल फरवरी में सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने पतंजलि आयुर्वेद को अलग अलग रोगों के उपचार के लिए अपने उत्पादों का विज्ञापन करने से रोक दिया था। क्या सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि अगले आदेश तक और रामदेव और बालकृष्ण पतंजलि ग्रुप की तरफ़ से कोई विज्ञापन नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये पूरे देश के साथ छल किया गया है। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस ए. अमानुल्लाह की पीठ ने पतंजलि आयुर्वेद और इसके अधिकारियों को उपचार की किसी भी पद्धति के खिलाफ प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी तरह का कोई बयान देने के खिलाफ रोक लगाते हुए चेतावनी भी किया था
इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया और बाबा रामदेव से पूछा क्यों न कोर्ट की अवमानना के तहत कार्रवाई की जाए। अदालत ने कहा पहली नजर में दोनों ने कानून का उल्लंघन किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को भी निर्देश दिया था कि बो कोर्ट को बताया कि उस विवादित विज्ञापन पर अब केंद्र सरकार में पतंजलि के ख़िलाफ़ क्या क़दम उठाए हैं । सुप्रीम कोर्ट ने आयुष मंत्रालय को इस मामले में फटकार लगायी है।
विवादित विज्ञापन में पतंजलि में मधुमेह, बीपी, थायराइड, अस्थमा, ग्लूकोमा और गठिया आदि जैसी बीमारियों से “स्थायी राहत, इलाज और उन्मूलन” का दावा किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस विज्ञापन को देखते हुए इसे
पूरे देश के साथ छल बताया था।
पतंजलि को लगाई थी फटकार
29 नवंबर साल 2023 मैं भी सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि ग्रुप को फटकार लगायी थी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने रामदेव और बालकृष्ण के तमाम रोगों के पूरे इलाज के दावे को ख़ारिज करते हुए इस पर आपत्ति जतायी थी जब जिस पर सुप्रीम कोर्ट में पतंजलि ग्रुप को चेतावनी दी थी ।
सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्र की पीठ ने पतंजलि द्वारा एलोपैथ को लेकर भ्रामक दावे और विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए पतंजलि को फटकार लगाई थी।