‘राम मंदिर के उद्घाटन में न आएं पीएम मोदी’, संत की मदनी को नसीहत, विरोध नहीं, सहयोग का वक्त

प्रयागराज. अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के 22 जनवरी को होने वाले उद्घाटन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शामिल होने की बात को लेकर पर जमीयत उलेमा ए हिंद के चीफ मौलाना महमूद मदनी ने आपत्ति जताई है. हालांकि, उनके बयान का विरोध भी शुरू हो गया है. विशेषकर संत समाज की ओर से इसको लेकर जमीयत चीफ को नसीहत दी जा रही है. इस क्रम में ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि यह युग महाभारत का नहीं है, बल्कि महान भारत का युग है. यह विरोध का नहीं, सहयोग का समय है.
स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा है कि भगवान श्री राम का संदेश किसी एक के लिए नहीं है, बल्कि उनका संदेश पूरी मानवता के लिए है. सनातन किसी का विरोध नहीं करता है. उन्होंने कहा है कि यह विरोध की बेला नहीं है, बल्कि सहयोग की बेला है. इसलिए मैं मौलाना मदनी से अपील करूंगा कि साथ आएं और हम सब मिलकर प्रभु राम का काम करें.
उन्होंने कहा है कि यह हमारा परम सौभाग्य है कि हमारे प्रधानमंत्री आस्तिक हैं और वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. पीएम मोदी इस देश की संस्कृति के अनुरूप सभी को साथ लेकर चलते हैं. पीएम मोदी के मन में न कोई भेद है और न ही कोई दीवार है. पीएम मोदी इस देश को नए भारत की ओर ले जाना चाहते हैं.
स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि महाभारत का युग चला गया है. विरोधों का भी युग चल गया है. अब महान भारत का युग है. महान भारत के निर्माण की यात्रा में हम सबको मिलकर आगे बढ़ना है. उन्होंने कहा है कि इसलिए मौलाना महमूद मदनी को ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में पीएम मोदी को नहीं आना चाहिए.
स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि हमलोगों का यह परम सौभाग्य है कि पीएम मोदी जैसे यशस्वी, तपस्वी और ऊर्जावान प्रधानमंत्री हैं. प्रधानमंत्री मोदी इस देश की संस्कृति को साथ लेते हुए आगे बढ़ते हैं. प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि विकास भी हो लेकिन विरासत भी बची रहे. पीएम मोदी विज्ञान के साथ आध्यात्म को भी बचाए रखना चाहते हैं.
चिदानंद स्वामी ने कहा, पीएम मोदी चाहते हैं कि इंफ्रास्ट्रक्चर खड़े हों, लेकिन इंट्रास्ट्रक्चर भी मजबूत रहना चाहिए और उससे भी लोग जुड़ने चाहिए. यही वजह है कि भगवान श्री राम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में पीएम मोदी अयोध्या आ रहे हैं. उन्होंने भगवान श्री राम के मंदिर का भूमि पूजन भी किया था.
स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि मैं मौलाना महमूद मदनी से भी अपील करूंगा कि इस समय विरोध की नहीं बल्कि सहयोग की बात करनी चाहिए. भगवान श्री राम विरोध के नहीं बल्कि सहयोग के देवता हैं. प्रभु श्री राम सेतु बांध के देवता हैं. उन्होंने सेतु बनाएं, इसलिए सेतुबंध की अवधारणा को देखते हुए की सभी जुड़ें, सभी दीवारें गिरें, दरारें भरें और सबके दिल जुड़ें, इसी का नेतृत्व भगवान श्री राम करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 2, 2023, 16:42 IST