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लोकसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने दी मर्यादा बनाए रखने की चेतावनी, ये 8 हिदायत दिए | Lok Sabha elections 2024 before Election date EC warned to maintain decorum

सियासी दलों और उम्मीदवारों को चेतावनी

1. मतदाताओं की जाति/सांप्रदायिक भावनाओं के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी। ऐसी कोई भी गतिविधि, जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकती है या आपसी नफरत पैदा कर सकती है या विभिन्न जातियों/समुदायों/धार्मिक/भाषाई समूहों के बीच तनाव पैदा कर सकती है, का प्रयास नहीं किया जाएगा।

2. राजनीतिक दल और नेता मतदाताओं को गुमराह करने के उद्देश्य से तथ्यात्मक आधार के बिना गलत बयानबाजी नहीं करेंगे। असत्यापित आरोपों या विकृतियों के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना होगा।

3.अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के निजी जीवन का कोई भी पहलू, जो सार्वजनिक गतिविधियों से जुड़ा न हो, आलोचना नहीं की जानी चाहिए। प्रतिद्वंद्वियों का अपमान करने के लिए निम्न स्तर के व्यक्तिगत हमले नहीं किये जायेंगे।

4. किसी भी मंदिर/मस्जिद/चर्च/गुरुद्वारे या किसी भी पूजा स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार या चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए। भक्त और देवता के बीच संबंधों का उपहास करने वाले या दैवीय निंदा के सुझाव देने वाले संदर्भ नहीं दिए जाने चाहिए।

5.राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को ऐसे किसी भी कार्य/कार्रवाई/कथन से बचना चाहिए जिसे महिलाओं के सम्मान और गरिमा के प्रतिकूल माना जा सकता है।

6.मीडिया में असत्यापित एवं भ्रामक विज्ञापन नहीं दिये जायें।

7.समाचार के रूप में विज्ञापन नहीं दिए जाने चाहिए।

8. प्रतिद्वंद्वियों की निंदा और अपमान करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट या ऐसे पोस्ट जो खराब स्वाद वाले हों या जो गरिमा से नीचे हों, उन्हें पोस्ट या साझा नहीं किया जाना चाहिए।

वहीं चुनाव आयोग की ओर से चिंहित किए गए अप्रत्यक्ष तरीको का भी जिक्र किया गया है जिसके चलते आचार संहिता का उल्लंघन हो सकता है।

1. अन्य राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारकों के विरुद्ध अनुचित, अपमानजनक शब्दावली का प्रयोग

2. झूठे, अप्रमाणित, निराधार, गलत और असत्यापित आरोप,

3. दैवीय निंदा/व्यक्तिगत निंदा व्यक्त करने वाली गालियाँ,

4. व्यंग्य की बारीक रेखा को पार करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट/कैरिकेचर को अपमानित करने और अपमानित करने का उपयोग

5. अक्सर ग़लत सूचना या दुष्प्रचार फैलाने के लिए सोशल मीडिया पोस्ट को संदर्भ से हटकर प्रस्तुत करना।

6. मतदान के कुछ दिनों से ठीक पहले समाचारों की आड़ में भ्रामक विज्ञापन, समान स्तर पर परेशान करने वाले हो सकते हैं

7. राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर व्यक्तिगत हमला और प्रतिद्वंद्वी दलों के उम्मीदवारों का उपहास करना

8. राज्य सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं को पड़ोसी चुनाव वाले राज्यों में उचित समय पर प्रकाशित कर रही है

9. गैर-मौजूद योजनाओं के तहत वादों को पूरा करने के लिए पंजीकरण का लालच देकर मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया जाता है, जो अक्सर झूठे वादों के माध्यम से मतदाताओं को रिश्वत देने के समान होता है।

10. मतदाताओं के एक समूह के विरुद्ध सामान्यीकृत टिप्पणियाँ करने के लिए उम्मीदवार के नाम का उपयोग।

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