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विधानसभा चुनाव 2023 में धर्म का तड़का, कहीं धर्मगुरु मैदान में, तो कहीं राजनेता पहुंचे शरण में

निराला समाज जयपुर।

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चुनाव आते ही राजनीति में धर्म का तड़का लगने लगता है। संत-महंत के अनुयायियों को रिझाने के लिए राजनीतिक दल उनके आगे-पीछे डोलने लगते हैं। इस बार भी ऐसे संतों और महंतों की भूमिका देखी जा रही है। कहीं नेता संत-महंतों से आशीर्वाद लेने की होड़ में हैं तो कहीं संत-महंत खुद मैदान में उतर गए हैं । मध्यप्रदेश में 120 सीटों पर दो कथावचकों का प्रभाव है। राजस्थान में कई धर्मगुरु चुनाव लड़ रहे हैं तो छत्तीसगढ़ में विभिन्न् मठों पर नेताओं का जमावड़ा लगने लगा है।

राजस्थान में नाथ संप्रदाय का अस्थल बोहर

अलवर लोकसभा क्षेत्र से वर्तमान में सांसद महंत बालकनाथ योगी को भाजपा ने तिजारा विधानसभा सीट से उतारा है। ये नाथ संप्रदाय की सबसे बड़ी गद्दी अस्थल बोहर के प्रमुख हैं। इनका हरियाणा तक प्रभाव है।

सिरोही में देवासी धर्मगुरु धार्मिक नेता ओटाराम देवासी सिरोही विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी हैं। भोपाजी के नाम से चर्चित देवासी 2018 का चुनाव हारे लेकिन फिर से मैदान में हैं। देवासी समाज उन्हें धर्मगुरु मानता है।

जैसलमेर की पोकरण विधानसभा से महंत प्रतापपुरी को भाजपा प्रत्याशी हैं। वहीं कांग्रेस से धर्म गुरु शालेह मोहम्मद भी मैदान में हैं जो फकीर परिवार से हैं। सीमा क्षेत्र में इनका खासा प्रभाव है।

डेरा सच्चा सौदा का भी प्रभाव

श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ दोनों जिले में सिरसा के सच्चा सौदा डेरे के बाबा रामरहीम का कई सीटों पर प्रभाव है। खासकर सादुलशहर, गंगानगर, हनुमानगढ़, पीलीबंगा, संगरिया और नोहर में प्रभावशाली हैं।

महामंडलेश्वर ईश्वरानंद महाराज

बांसवाड़ा जिले में कोई साधु-संत चुनाव नहीं लड़ रहा है। लेकिन जानामेड़ी में महामंडलेश्वर ईश्वरानंद महाराज के धाम में वसुंधरा राजे जैसे नेता आते रहते हैं। इस बार भी श्रीचंद कृपलानी आशीर्वाद लेने आए।

मध्य प्रदेश में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

छतरपुर जिले के गढ़ा गांव के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की मध्यप्रदेश की सियासत में सबसे ज्यादा डिमांड है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ तक इनकी कथाओं का रसास्वदन कर चुके हैं। सनातन के नए पोस्टर बॉय के रूप में उभरे धीरेंद्र शास्त्री के देश-विदेश में लाखों अनुयायी हो चुके हैं।

पंडित प्रदीप मिश्रा

अपनी संगीतमय शिव महापुराण और चमात्कारिक रूद्राक्ष के लिए देशभर में चर्चित हो चुके सिहोर के पं. प्रदीप मिश्रा के यहां छोटे से बड़े सभी नेता मत्था टेक रहे हैं। छिंदवाड़ा में कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ के साथ नगर भ्रमण भी किया था। पं. मिश्रा मोदी है तो हिंदू है बयान देकर भी खूब चर्चा में आए थे।

कभी इनका था वर्चस्व

देवकीनंदन ठाकुर, कमल किशोर नागर, रावतपुरा सरकार, भैया जी सरकार, राधे- राधे बाबा, देव प्रभाकर दद्दाजी, स्वामीशांति स्वरूपानंद, बालयोगी उमेशनाथ, शंकराचार्य स्वरूपानंद और कंप्यूटर बाबा सहित 15 से ज्यादा बाबाओं का प्रदेश की सियासत में खासा रसूक रहा है।

छत्तीसगढ़

सिद्धबाबा आश्रम पहुंचने लगे प्रत्याशी

छत्तीसगढ़ में बिलासपुर जिले के बेलतरा स्थित सिद्धबाबा आश्रम में शिवानंद महाराज के समक्ष कोटा के भाजपा प्रत्याशी प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, जेसीसीजे प्रत्याशी डॉ रेणु जोगी और कांग्रेस प्रत्याशी अटल श्रीवास्तव ने आशीर्वाद लिया।

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