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शहीद मनप्रीत सिंह: सेना का ही था सपना, उस यूनिट में अफसर बने जहां पिता थे नायक

नई दिल्‍ली. अनंतनाग में हुए बड़े आतंकी हमले में देश के तीन वीर अफसरों ने अपना सर्वोच्‍च बलिदान दिया है. ये अफसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोंचक और डीएसपी हुमायूं मुज़म्मिल भट्ट हैं जिनकी शहादत पर सीना गर्व से भरा हुआ है तो आंखों में आंसू हैं. इनके साथ एक जवान भी शहीद हुआ है लेकिन अभी उसकी अधिक जानकारी नहीं मिल पाई है. इस हमले की जिम्‍मेदारी पाकिस्‍तानी आतंकी संगठन लश्‍कर-ए-तैयबा के शैडो ग्रुप रेजिस्‍टेंस फ्रंट ने ली है.

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के कोकरनाग इलाक़े में शहीद हुए अफसरों की कहानियां हमेशा प्रेरणा देती रहेंगीं. इनमें कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष धोंचक सेना से थे तो डीएसपी हुमायूं जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस सेवा में थे. हुमायूं के पिता भी पुलिस में थे और वे डीआईजी के पद से रिटायर हुए हैं. अब जब उन्‍होंने अपने शहीद बेटे को श्रद्धांजलि दी तो पूरा माहौल गमगीन हो गया, इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल है और इससे सबकी आंखें नम हैं.

एक साल पहले ही हुई थी शादी, दो माह की है बेटी और हुमायूं ने दिया सर्वोच्‍च बलिदान
जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट कोकरनाग मुठभेड़ में शहीद हो गए. उनकी बीते साल ही शादी हुई थी और 2 माह की बेटी है. उनके पिता गुलाम हसन बट जम्मू कश्मीर पुलिस में आईजी थे. हुमायूं को श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. जम्‍मू कश्‍मीर के उपराज्‍यपाल मनोज सिन्‍हा ने भी श्रद्धांजलि दी है.

पंजाब के मोहाली के मनप्रीत बचपन से जाना चाहते थे फौज में
मोहाली के पास मुल्‍लापुर के रहने वाले मनप्रीत बचपन में अपने फौजी पिता की वदी पहन लिया करते थे. उनका सपना था भारतीय सेना में शामिल होना और जिस यूनिट में मनप्रीत अफसर थे, उसी यूनिट में उनके पिता नायक पद पर थे. उनके घर में मातम छाया हुआ है. पिता की कुछ समय पहले मौत हो गई थी. परिवार में मां के अलावा पत्‍नी और दो बच्चे हैं. बीते साल ही सेना से उसे मेडल मिला था.

जन्‍मदिन पर गृह प्रवेश के लिए आने वाले थे मेजर आशीष
15वीं सिख लाइट इन्फेंट्री के 36 वर्षीय मेजर आशीष धोंचक अगले महीने 23 अक्तूबर को अपने जन्‍मदिन के मौके पर घर आने वाले थे और इसी दिन नए घर का उद्घाटन भी था. वे खुद भी गृह प्रवेश को लेकर उत्‍साहित थे. मेजर आशीष पानीपत ज़िले में बिंझौल गांव के रहने वाले थे. उनकी पत्नी ज्योति अपनी दो वर्षीय बेटी वामिनी अपने सास-ससुर के साथ पानीपत के सेक्टर 7 में एक किराये के घर में रहती हैं.

Tags: Encounter in Jammu and Kashmir, Heroes of the Indian Army, Jammu and kashmir encounter

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