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शिक्षा राज्यमंत्री की नाथी का बाड़ा टिप्पणी पर बवाल, सरकार अब कसेगी कथित शिक्षक संगठनों पर नकेल Rajasthan News- Jaipur News- Ruckus over Nathi ka Bada comment of Minister of State for Education, Government will now tighten on alleged teacher organizations

डोटासरा का कहना है कि पढ़ाई लिखाई कराने के बजाय मंत्रियों के दरवाजे पर जाकर अपनी बेवजह की मांग रखते हैं ऐसे शिक्षक संगठन अब बर्दाश्त नहीं किये जायेंगे.

डोटासरा का कहना है कि पढ़ाई लिखाई कराने के बजाय मंत्रियों के दरवाजे पर जाकर अपनी बेवजह की मांग रखते हैं ऐसे शिक्षक संगठन अब बर्दाश्त नहीं किये जायेंगे.

Ruckus over ‘Nathi ka Bada’ comment of Govind Singh Dotasara: शिक्षा राज्यमंत्री डोटासरा की टिप्पणी के बाद शिक्षक संगठनों की ओर से मचाये गये बवाल पर सरकार सख्त हो गई है. बगैर मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठनों के साथ सरकार अब कोई चर्चा नहीं करेगी.

जयपुर. शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) की ‘नाथी का बाड़ा’ टिप्पणी पर इतना बवाल मचा है कि सरकार ने अब ऐसे कथित शिक्षक संगठनों (Alleged teacher organizations) को ही सबक सिखाने का मन बना लिया है जिनका कहीं वजूद ही नहीं है. सरकार शिक्षक संगठनों को अब मान्यता (Recognition) देगी. बगैर मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठनों के साथ सरकार कोई चर्चा नहीं करेगी.

शिक्षकों के लिए अब मंत्री तक बात पहुंचाना आसान नहीं होगा. शिक्षक संगठनों को सरकार से मान्यता लेनी होगी. बगैर मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठन अब सरकार के दरवाजे तक नहीं पहुंच पायेंगे. शिक्षा राज्यमंत्री मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा आने वाले दिनों में यह नया फरमान लागू करने की तैयारी में हैं.

सरकार शिक्षक संगठनों की गिरदावरी करेगी
साल में दो बार ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर तक के शिक्षकों के साथ मंत्री सीधी बात करेंगे. गिरदावरी में आने वाले शिक्षक संगठनों को ही शिक्षा विभाग की ओर से मान्यता दी जाएगी. जल्द विभाग की ओर से गिरदावरी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. डोटासरा के मुताबिक पिछले कई बरसों से शिक्षक संगठनों की ओर से इस संबंध में मांग की जा रही थी. वहीं कागजी संगठनों पर सरकार प्रतिबंध लगाने की तैयारियों में जुट गई है.स्वंयभू शिक्षक संगठन अब गुजरे दौर की बात होगी

डोटासरा का कहना है कि बिना अस्तित्व वाले स्वंयभू शिक्षक संगठन अब गुजरे दौर की बात होगी. जो स्कूल के समय में पढ़ाई लिखाई कराने के बजाय मंत्रियों के दरवाजे पर जाकर अपनी बेवजह की मांग रखते हैं ऐसे शिक्षक संगठन अब बर्दाश्त नहीं किये जायेंगे. शिक्षा राज्यमंत्री के इस फैसले से साफ है सरकार की हां में हां मिलाने वाले शिक्षक संगठनों की सुनवाई बेहतर तरीके से होगी. लेकिन सरकार को आंख दिखाने वालों को मान्यता नहीं होने की आड़ में सरकार अपने दरवाजे पर भी नहीं फटकने देगी. बहरहाल शिक्षक संगठनों की गिरदावरी के बाद ही पता चल पायेगा कि सरकार की सूची में कौन कौन से शिक्षक संगठन जगह बना पाते हैं.





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