शिव को प्रसन्न करने के लिए रावण ने बनाया था यह खास वाद्य यंत्र, इसकी धुन से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं लोग

निशा राठौड़/ उदयपुर. लोक संस्कृति और लोक कला को बचाने के कार्य आज कई लोक कलाकार कर रहे हैं. उदयपुर शहर में भी एक ऐसे लोक कलाकार मौजूद है, जो इस कला को संजोने के कार्य में आज भी लगे हुए हैं. पर्यटक जब उनकी धुन को सुनते हैं तो अपने आप को रोक नहीं पाते फिल्मी गीत हो या राजस्थानी लोक संगीत अपनी मधुर धुन पर यह हर किसी को मंत्र मुग्ध कर देते हैं. हम बात कर रहे हैं उदयपुर शहर के लोक कलाकार घासी राम भाट की जिन्होंने अपने लोकवाद्य यंत्र रावण हत्थे की दम पर शहर में अपनी खास पहचान बना रखी है.
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रावण ने बनाया था रावण हत्था
राजस्थान के मुख्य वाद्य यंत्रों में से एक रावण हत्था भाट जनजाति का प्रमुख वाद्य यंत्र है. इसे मुख्य रूप से लोक देवता पाबूजी के फड़ के गीत गाने में प्रयोग किया जाता था लेकिन वर्तमान में इसका प्रयोग कर लोक कलाकर अपना जीवनयापन कर रहे हैं. बताया जाता है कि रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस खास वाद्य यंत्र को बनाया था.
नई पीढ़ी होती जा रही दूर
घासी राम भाट ने बताया की कई पुश्तों से इनका परिवार इसी वाद्य यंत्र को बजाते आ रहे है. उदयपुर आने वाले विदेशी पर्यटक खास तौर पर इसे सुनना पसंद करते है. कई बार उदयपुर की पांच सितारा होटल्स में इन लोक कलाकारों भी खास तौर पर बुलाया जाता है. लेकिन बदलते परिवेश के साथ अब इसको सीखने का चलन कम हो गया है. आने वाली पीढ़ी इस प्रकार के पारंपरिक वाद्य यंत्रों को नही सीखना चाहती ऐसे में सरकार को चाहिए कि वाद्य यंत्रों के संरक्षण के साथ ही उनके विकास के लिए जागरूक कार्यक्रम चलाए.
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FIRST PUBLISHED : September 05, 2023, 17:15 IST