Rajasthan

संकट में तो सरपट दौड़ी सरकार, अटके पहियों को अब फिर मिले रफ्तार | pace of big industrial project getting slow in rajasthan

– बीते तीन साल तेजी से चले औद्योगिक विकास में दिख रही सुस्ती

 

जयपुर

Published: December 20, 2021 01:43:26 pm

पंकज चतुर्वेदी जयपुर। कोरोना संकट और आर्थिक तंगी के बावजूद बीते तीन वर्षों में प्रदेश में औद्योगिक विकास आौर निवेश प्रोत्साहन की राह पर सरकार सरपट दौड़ी। लेकिन अब यह पहिया अटक रहा है। 2018 में कांग्रेस सरकार आने के बाद दिल्ली-मुम्बई इंडस्टिï्रयल कॉरिडोर (डीएमआइसी), पेट्रो केमिकल एंड पेट्रोलियम इन्वेस्टमेंट रीजन (पीसीपीआइआर), इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट प्रोजेक्ट जैसी विशाल औद्योगिक परियोजनाओं में तेजी से बदलाव हुए, लेकिन एक तय पायदान के बाद ऐसी कई परियोजनाएं किसी न किसी स्तर पर फंस गई हैं। हालांकि जनवरी में प्रस्तावित इनवेस्ट राजस्थान समिट के लिए दिनरात मशक्कत कर रही सरकार लाखों करोड़ रुपए निवेश लाने के दावे कर रही है, लेकिन संभावित निवेश को जमीन पर उतारने के लिए राज्य में निवेश के अनुकूल वातावरण की सूरत भी दिखानी होगी। इसके लिए इन अटकी परियोजनाओं को रफï्तार देने की जरूरत है।

संकट में तो सरपट दौड़ी सरकार, अटके पहियों को अब फिर मिले रफ्तार

प्रदेश के बड़े प्रोजेक्ट और मौजूदा हाल पीसीपीआइआर- बाड़मेर रिफायनरी के समीप रिफायनरी के सह उत्पाद आधारित उद्योग लगाने के लिए सरकार ने 353 वर्ग किलोमीटर में पेट्रो केमिकल एंड पेट्रोलियम इन्वेस्टमेंट रीजन की योजना बनाई है। इसमें करीब 11 हजार करोड़ रुपए की लागत और एक लाख से अधिक रोजगार का आकलन है।

स्थिति- देश के तीसरे पीसीपीआइआर के लिए राज्य सरकार ने तीन माह पहले मसौदा केन्द्र के सामने रख दिया। अभी मंजूरी मिलनी शेष है। तब आधिकारिक अधिसूचना जारी होगी। जेपीएमआइए- डीएमआइसी में खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराणा के साथ ही जोधपुर-पाली-मारवाड़ निवेश क्षेत्र (जेपीएमआइआर) विकसित होना है। सरकार ने 1500 हेक्टेयर भूमि इसके लिए चिह्नित की है।

स्थिति – सरकार इस बजट में 700 करोड़ रुपए से अधिक प्रावधान किया है। अभी सर्वे ही चल रहा है, भूमि अवाप्ति अब तक शुरु नहीं हो पाई। केबीएनआइए में भी मुआवजा वितरण धीमा है।

ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट- एनसीआर में एयर कनेक्टिविटी के लिए अलवर के कोटकासिम में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनना है। 2058 हेक्टेयर जमीन सरकार ने चिह्नित कर ली। जमीन को छोड़ कर करीब 10 हजार करोड़ रुपए की लागत का आकलन है।

स्थिति- परियोजना में विलंब और निजी खातेदारी की जमीन महंगी होने के कारण सरकार ने अब फिर से डीपीआर बनाने का निर्णय किया है। अभी इंतजार लंबा है। फिनटेक पार्क- राजधानी में बी-2 बायपास के नजदीक बहुराष्ट्रीय आइटी और चार्टर्ड अकाउंटेंट कम्पनियों के कार्यालयों के लिए विश्वस्तरीय पार्क बनाया जाना है। सरकार को आशा है कि गुडगांव एवं अन्य जगहों से आइटी कंपनियां राजस्थान का रुख करेंगी।

स्थिति- मार्च के बजट में घोषणा हुई थी। 40 हेक्टेयर भूमि तय की है। लेकिन समतलीकरण और सड़क निर्माण से आगे बात नहीं बढ़ी। निवेश की राह में सरकार के नीतिगत कदम 1 . एमएसएमई एक्ट

सरकार विधानसभा में सूक्ष्म, लधु और मध्यम उद्यम (स्थापना और प्रवर्तन का सुकरीकरण) विधेयक, 2019 लेकर आई। प्रावधान है कि नए उद्यम लगाने पर तीन साल तक राज्य की कोई एजेंसी निरीक्षण नहीं करेंगी। ऑनलाइन आवेदन पर ही एक्नॉलेजमेंट जारी किया जाएगा। इसी के आधार पर उद्यमी तत्काल काम शुरू कर सकेगा।

2. मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना दिसंबर 2019 में सरकार ने लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना जारी की। इसमें नए उद्योग, पूर्व में संचालित उद्यम के विस्तार के लिए 10 करोड़ तक का ऋण ब्याज अनुदान समेत उपलब्ध होगा। 25 लाख तक के ऋण पर अधिकतम 8 प्रतिशत, 25 लाख से 5 करोड़ तक ऋण पर 6 प्रतिशत, 5 से 10 करोड़ के अनुदान पर अधिकतम 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान होगा।

3. राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना निवेश प्रोत्साहन योजना (रिप्स) 2019 आई। इसमें निवेशकों को विद्युत कर, मंडी शुल्क, भूमि कर, स्टांप शुल्क, भू रूपांतरण शुल्क में सात वर्षों तक शत-प्रतिशत छूट दी गई है। इसके अलावा स्टेट जीएसटी में सात वर्षों के लिए 75 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। थ्रस्ट सेक्टर और अन्य शर्तों के साथ रियायत का दायरा और बढ़ जाएगा।

4. वन स्टॉप शॉप सरकार ने 24 अगस्त 2020 को सिंगल विंडो एक्ट 2011 में संशोधन कर इसे लागू किया था। इसके तहत मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में निवेश बोर्ड गठित किया गया। राजनिवेश पोर्टल पर 10 करोड़ रुपए से अधिक निवेश के आवेदनोंं को ऑनलाइन क्लीयरेंस के माध्यम 14 विभिन्न विभागों से जुड़ी मंजूरियां एक ही स्थान से देने का प्रावधान किया गया।

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