Rajasthan

सचिन शर्मा की बहन-चाचा टंकी पर चढ़े, न्याय की मांग:बोले- दोषियों पर चले हत्या का केस; गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने से हुई थी मौत

निराला समाज जयपुर।

जयपुर के एसएमएस अस्पताल के मेडिकल आईसीयू में 23 फरवरी को गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने से दौसा के रहने वाले सचिन शर्मा (23) की मौत हो गई थी। शुक्रवार को सचिन की पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट आ गई। रिपोर्ट में लिखा है कि गलत ग्रुप के ब्लड के कारण सचिन की किडनी, लिवर और फेफड़े डैमेज हो गए, जो उसकी मौत की वजह बने।

इधर, सचिन के परिजन आज बांदीकुई में बसवा बस स्टैंड पर आम सभा और न्याय मांगने के लिए एकत्रित हुए। इस बीच, दोपहर करीब डेढ़ बजे सचिन की छोटी बहन अलका और उसके चाचा महादेव शर्मा बसवा स्थित एसडीएम कार्यालय में बनी पानी की टंकी पर चढ़ गए। परिवार और सर्व समाज के लोगों ने उन्हें नीचे उतारने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन दोनों मांगे मानने तक नीचे न उतरने की जिद पर अड़े हुए हैं। मौके पर बसवा थाना पुलिस का जाब्ता मौजूद है। पुलिस दोनों को समझा कर नीचे उतारने का प्रयास कर रही है।

महादेव शर्मा और अलका की प्रमुख मांग है कि परिवार को कम से कम 50 लाख का मुआवजा मिले। परिवार के किसी एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए और दोषियों पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा चले।

तीये की बैठक के दौरान उपस्थित ग्रामीण और रिश्तेदार।

तीये की बैठक के दौरान उपस्थित ग्रामीण और रिश्तेदार।

SDM ऑफिस से कोई प्रतिनिधि नहीं आया
परिजन का कहना है कि धरना स्थल से महज ढाई किमी की दूरी होने के बावजूद एसडीएम कार्यालय से कोई नुमाइंदा नहीं आया। सरकार की बेरुखी से आहत होकर चाचा महादेव और बहन अलका एसडीएम कार्यालय पहुंचकर टंकी पर चढ़ गए।

सचिन के ताऊ के बेटे दिनेश और वेद शर्मा ने बताया- सुबह 11 बजे तय कार्यक्रम के अनुसार परिवार और सर्व समाज के लोग घर से पैदल चलते हुए रैली के रूप में आकर बसवा स्टैंड पर बने तहसील कार्यालय में धरने पर बैठ गए। जयपुर से विप्र संगठन और अन्य सामाजिक संगठन के पदाधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। इस बीच परिवार को आर्थिक मदद देने और न्याय दिलाने पर चर्चा चलती रही।

सचिन के चचेरे भाई दिनेश शर्मा ने बताया कि भाई को न्याय दिलाने और परिजनों की मदद के लिए वॉट्सऐप ग्रुप ‘जस्टिस फॉर सचिन शर्मा’ बनाया है। इस ग्रुप में समाज के लोगों के अलावा सर्व समाज और सामाजिक संगठन भी आर्थिक मदद कर रहे हैं। अभी तक करीब 5 लाख रुपए एकत्र किए जा चुके हैं।

दौसा से सांसद जसकौर मीणा ने 51000 रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की है। हालांकि यह राशि अभी तक परिजनों को नहीं मिली है। बांदीकुई विधायक भागचंद टाकड़ा ने 21000 रुपए परिजनों को दिए हैं। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक आर्थिक मदद परिजनों को नहीं मिल सकी है।

यह वह घर है, जहां सचिन का परिवार रहता है।

यह वह घर है, जहां सचिन का परिवार रहता है।

सीएम से मिले विधायक
इस बीच दौसा सांसद जसकौर मीणा और बांदीकुई विधायक भागचंद टाकड़ा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात कर मामले की जानकारी भी दी।

विधायक टाकड़ा ने X (टि्वटर) पर लिखा कि उन्होंने जोधपुर हाउस, दिल्ली में सीएम से मुलाकात कर सचिन के परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने की मांग की। टाकड़ा ने सीएम के साथ अपना फोटो भी शेयर किया।

वहीं, शुक्रवार को पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी सचिन शर्मा मामले में राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि ‘गलत ब्लड ग्रुप चढ़ाने से एक बच्चे की मौत हो गई, लेकिन इनमें कोई संवेदनशीलता नहीं है। किसी को सस्पेंड करना काफी नहीं है। उस परिवार को 25 लाख से 50 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए थी।’

सचिन की मौत के बाद बिलखती उसकी बहन और मां।

सचिन की मौत के बाद बिलखती उसकी बहन और मां।

परिजन बोले- सरकार ने किया सड़क पर उतरने को मजबूर
सचिन के परिजनों का कहना है कि सरकार अगर समय पर जाग जाती और परिवार की सुध लेती तो न्याय पाने के लिए यूं सड़क पर न उतरना पड़ता। सचिन की मौत के 10 दिन बाद भी सरकार की तरफ से मदद के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिला है।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी गलत ब्लड ग्रुप को बताया मौत की वजह
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सचिन की मौत की वजह गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने से अंग खराब होना बताया गया। रिपोर्ट में सचिन की दोनों किडनी, लिवर और फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचने की पुष्टि की गई है। इसके अलावा कुछ सैंपल्स को दूसरी लैब टेस्ट के लिए भी भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 12 से 20 फरवरी के बीच सचिन को एबी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के दो यूनिट्स जबकि उसके बाद ओ पॉजिटिव ग्रुप का 5 यूनिट ब्लड चढ़ाया गया। शुरुआत में गलत ब्लड ग्रुप चढ़ाने से शरीर के अंगों को नुकसान हुआ।

गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने से हुई थी सचिन की मौत।

गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने से हुई थी सचिन की मौत।

परिजनों का एक ही सवाल- बेटे का क्या कसूर था
सचिन की मां संतोष देवी को अब भी यकीन नहीं है कि उनका बेटा इस दुनिया में नहीं रहा। बहन अलका कभी मां को संभालती है तो बेटे की मौत से टूट चुके पिता महेश चंद शर्मा को।

परिजनों का कहना है कि दोषियों के निलंबन से व्यवस्था में सुधार नहीं आएगा। सभी को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि फिर किसी सचिन को लापरवाही का ऐसा दंश न झेलना पड़े।

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