Rajasthan

सरप्लस बिजली, फिर भी 266 मेगावाट बिजली खरीद की कोशिश, पर नाकाम | Surplus power, yet try to buy 266 MW power,but failed

ऊर्जा विकास निगम की करतूत

जयपुर

Published: January 07, 2022 07:16:58 pm

जयपुर। राज्य में बिजली सरप्लस होने के बावजूद 266 मेगावाट अतिरिक्त बिजली खरीदने की ऊर्जा विकास निगम की कोशिश नाकाम हो गई है। निगम ने बिजली खरीदने के पीछे किसानों को दिन ही बिजली सप्लाई देने से लेकर प्रदेश में बिजली डिमांड बढ़ने की दलील दी। यहां तक की केन्द्र सरकार के स्टेंडर्ड बिडिंग प्रावधान से बाहर जाकर 5 साल की बजाय 15 साल तक (लम्बी अवधि) का अनुबंध करने की भी कोशिश की, लेकिन विद्युत विनियामक आयोग ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। आयोग ने निगम को उस याचिका की भी याद दिला दी, जिसमें डिस्कॉम्स ने माना है कि बिजली की कमी होने पर बाजार (एक्सचेंज) में करीब 3 रुपए प्रति यूनिट में बिजली उपलब्ध रहती है। इससे ऊर्जा महकमे के आला अफसरों की नींद उड़ गई है।

यह था प्रस्ताव— प्रदेश में ही उपलब्ध ईंधन (कोयला/लिग्नाइट) आधारित विद्युत उत्पादन प्लांट से 266 मेगावाट बिजली खरीदने का दीर्घावधि अनुबंध। यह रियल टाइम क्लॉक (आरटीसी) यानि 24 घंटे बिजली खरीदी जा सके। इसके लिए निविदा करने की अनुमति मांगी गई। इसके लिए ऊर्जा विभाग के 17 मई 2021 के पत्र का हवाला भी दिया गया, जिसमें 1 अप्रेल 2022 से 266 मेगावाट बिजली खरीद प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा गया।

सरप्लस बिजली, फिर भी 266 मेगावाट बिजली खरीद की कोशिश, पर नाकाम

सरप्लस बिजली, फिर भी 266 मेगावाट बिजली खरीद की कोशिश, पर नाकाम

सरकार की घोषणा का सहारा— राज्य सरकार ने किसानों को दिन में ही दो ब्लॉक में बिजली सप्लाई देने की बजट घोषणा की हुई है। इससे बिजली डिमांड बढ़ेगी। इसके लिए अतिरिक्त बिजली की जरूरत।

आयोग ने यह कहा— दिन में बिजली डिमांड पीक पर रहेगी, लेकिन रात को यही डिमांड करीब करीब आधी रह जाती है। ऐसे में चौबीस घंटे (आरटीसी) ही खरीद प्रक्रिया की क्या जरूरत पड़ी। वहीं, केन्द्र सरकार ने ऐसे अनुबंध के लिए स्टेंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट बनाया हुआ है, जिसमें अधिकतम 5 साल के लिए अनुबंध करने का प्रवधान है। ऐसे में 15 साल के लिए अनुमति क्यों।

जवाब मांगते सवाल
-जब सरप्लस बिजली है तो फिर अतिरिक्त बिजली खरीदने की जरूरत ही क्यों पड़ी। सरप्लस बिजली की जानकारी आयोग के 24 नवम्बर 2021 के आदेश में भी अंकित है।
-प्रदेश में अक्षय ऊर्जा (सोलर, विंड, बायोमॉस एनर्जी) के अवसर उपलब्ध हैं और लगातार अनुबंध हो रहे हैं तो फिर थर्मल या लिग्नाइट आधारित प्लांट से बिजली खरीदने के क्या मायने।
-एक्सचेंज से सामान्य रूप से 3 से 4 रुपए प्रति यूनिट बिजली उपलब्ध है। यहां फिक्स चार्ज देने की जरूरत नहीं। अनुबंध करते हैं और बिजली लेने की जरूरत नहीं पड़ती तो फिक्स चार्ज देने की बंदिश रहेगी।

newsletter

अगली खबर

right-arrow

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj