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सर्वाइकल कैंसर से बचाने में 98% तक कारगर है HPV वैक्सीन, इस उम्र तक सिर्फ एक डोज की जरूरत, जानें 5 बड़ी बातें

हाइलाइट्स

सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए इम्यूनिटी को मजबूत करना बेहद जरूरी है.
जेनिटल हाइजीन का ध्यान रखकर सर्वाइकल कैंसर से बचाव किया जा सकता है.

Cervical Cancer Vaccine News: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश किया. इसमें उन्होंने सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन को लेकर बड़ा ऐलान किया है. वित्त मंत्री ने बजट के दौरान बताया कि सरकार सर्वाइकल कैंसर रोकने के लिए देशभर में वैक्सीनेशन ड्राइव चलाएगी. इसमें 9 से 14 साल की लड़कियों को एचपीवी वैक्सीन लगाई जाएगी, ताकि सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम की जा सके. डॉक्टर्स की मानें तो देश में सर्वाइकल कैंसर महिलाओं को होने वाला दूसरा सबसे कॉमन कैंसर है. इसकी वजह से हर साल हजारों महिलाएं अपनी जान गंवा रही हैं. हालांकि सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध है और सही उम्र में वैक्सीन लगवाने से इस जानलेवा कैंसर का खतरा 98 पर्सेंट तक कम किया जा सकता है.

नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के गायनेकोलॉजी ओन्कोलॉजी डिपार्टमेंट की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सारिका गुप्ता के मुताबिक सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए 9 से 14 साल की सभी लड़कियों को HPV वैक्सीन लगवानी चाहिए. यह वैक्सीन कैंसर से 98 पर्सेंट तक बचाव कर सकती है. वैक्सीन लगवाने से कम उम्र की लड़कियों की इम्यूनिटी तेजी से बूस्ट हो जाती है और ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) का खतरा कम हो जाता है. सर्वाइकल कैंसर के 90 फीसदी मामले इसी वायरस की वजह से सामने आते हैं. खास बात यह है कि 14 साल तक की लड़कियों के लिए इस वैक्सीन की सिर्फ एक डोज काफी है. 15 या इससे ज्यादा उम्र की लड़कियों को एचपीवी वैक्सीन की 2 से 3 डोज लेनी पड़ती हैं. यह वैक्सीन 26 साल तक सबसे ज्यादा इफेक्टिव है और ज्यादा उम्र की महिलाओं पर कम असर करती है.

डॉक्टर सारिका की मानें तो एचपीवी वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर के अलावा गले के कैंसर से बचाने में भी कारगर साबित हो सकती है. आमतौर पर प्राइवेट हॉस्पिटल में एचपीवी वैक्सीन की एक डोज की कीमत करीब 2000 रुपये होती है, जबकि इंपोर्टेड वैक्सीन का प्राइस 3500 रुपये तक होता है. एक्सपर्ट के अनुसार सर्वाइकल कैंसर का खतरा कमजोर इम्यूनिटी वाली महिलाओं को ज्यादा होता है. इसके अलावा एचआईवी संक्रमण, मल्टीपल सेक्सुअल पार्टनर, जेनिटल हाइजीन की कमी और कम उम्र में बच्चे होने वाली महिलाएं भी इसका शिकार ज्यादा होती हैं. स्मोकिंग करने से भी सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. 30 साल की उम्र के बाद महिलाओं को इससे बचने के लिए समय-समय पर स्क्रीनिंग करानी चाहिए. सर्वाइकल कैंसर का पता प्री-कैंसरस स्टेज में भी लगाया जा सकता है और इसे इलाज के जरिए ठीक किया जा सकता है.

सर्वाइकल कैंसर के कुछ लक्षण भी नजर आते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. पार्टनर के साथ यौन संबंध बनाने के बाद ब्लीडिंग, पीरियड्स के बीच अनियमित माहवारी होना, बदबूदार पानी आना या ब्लड स्ट्रीम डिस्चार्ज, मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग या स्पॉटिंग होना सर्वाइकल कैंसर के लक्षण होते हैं. ये लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर चेकअप कराना चाहिए. सर्वाइकल कैंसर का पता शुरुआती स्टेज में लग जाए, तो सर्जरी के जरिए ट्रीटमेंट किया जा सकता है. जबकि एडवांस स्टेज में कीमोथेरेपी की जरूरत होती है. हर मरीज की कंडीशन के अनुसार ट्रीटमेंट दिया जाता है. सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए सभी लड़कियां 14 साल तक HPV का टीका लगवाएं और जेनिटल हाइजीन का ध्यान रखें.

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Tags: Budget, Cervical cancer, Health, Lifestyle

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