Rajasthan

साल में एक दिन निकलती है यह शाही रथयात्रा, लाखों की तादाद में देश-विदेश से देखने आते हैं लोग

करौली : देशभर में अहिंसा नगरी के नाम से विख्यात और पूर्वी राजस्थान की धार्मिक नगरी करौली में स्थित भगवान महावीर की नगरी महावीर जी में शाही अंदाज में निकलने वाली एक विशाल और भव्य रथयात्रा ऐसी जिसका इंतजार देशभर के लोगों को सालभर बेसब्री से रहता है. शान-ओ-शौकत से सालभर में एक दिन निकलने वाली इस शाही रथयात्रा में स्वयं भगवान महावीर सोने के रथ में सवार होकर नगर-भ्रमण के लिए अपने गर्भग्रह से निकलते है.

भारत के प्रमुख जैनतीर्थो में शुमार, 24 वें तीर्थंकर महावीर जी अतिशय क्षेत्र में हर साल यह शाही अंदाज वाली रथयात्रा साल में एक दिन भगवान महावीर के वार्षिक लक्खी मेले के अंतिम दिन निकाली जाती है. हर साल यह शाही रथयात्रा वैशाक कृष्ण द्वितीया वाले दिन निकाली जाती है. इस शाही रथयात्रा के निकलने के बाद ही महावीर जी अतिशय क्षेत्र में पांच दिवसीय लक्खी मेले का समापन होता है.

सौहार्द की मिसाल है यह रथयात्रा
इस शाही रथयात्रा की सबसे बड़ी खासियत इसमें भगवान महावीर स्वामी के रथ का सारथी क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारी ही बनते है. यह अनूठी परंपरा रथ यात्रा में कई सालों से निभाई जा रही है. देश ही नहीं बल्कि विदेश के लोग भी इस रथ यात्रा को देखने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं. लाखों भक्तों की मौजूदगी में यह रथ यात्रा हर साल बड़े ही उल्लास के साथ निकाली जाती है. भगवान महावीर की नगरी में हर साल निकलने वाली यह शाही रथयात्रा सांप्रदायिक सौहार्द की भी मिसाल है. इसमें जैन संप्रदाय के श्रद्धालुओं के साथ ही मीणा – गुर्जर समाज के भी लोग बड़ी संख्या में जाते हैं.

मीणा समाज के लोग भगवान महावीर की इस रथ यात्रा में लाठी – डंडों को हाथों में लेकर और गीत गाते हुए यात्रा की शुरुआत में निकलते हैं तो वहीं गुर्जर समुदाय के लोग रथयात्रा की वापसी में भगवान महावीर को विशेष गीतों से रिझाते हुए नजर आते है.

हजारों लोग गीत गाते हुए रथ यात्रा में चलते हैं
इस शाही रथयात्रा के जरिए भगवान महावीर स्वामी को स्वर्णमयी रथ में बैठाकर, गंभीर नदी के किनारे ले जाकर उनका पंचामृत जलाभिषेक साल में एक बार किया जाता है. शाही रथयात्रा में आगे-आगे घोड़ियां नाचती हुई चलती हैं. घोड़ियों का डांस ही रथयात्रा में मुख्य आकर्षण का केंद्र रहता है और यात्रा के बीच में गुर्जर-मीणा समुदाय के हजारों लोग गीत गाते हुए रथ यात्रा में चलते हैं. इस रथ यात्रा में सबसे लास्ट में भगवान महावीर स्वामी का स्वर्णमयी रथ चलता है. इसकी एक झलक पाने के लिए देशभर से लाखों की तादाद में श्रद्धालु अहिंसा नगरी में हर साल पहुंचते हैं.

Tags: Karauli news, Local18, Rajasthan news

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj