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सेवा पखवाड़ा में सरकार का बड़ा टारगेट, मृतक अंग दान को जीवित दान के बराबर लाने की कोशिश – News18 हिंदी

हाइलाइट्स

पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर बीजेपी 17 सितंबर से ‘सेवा पखवाड़ा’ शुरू कर रही है.
मृतकों के अंगदान पर इसका एक बड़ा फोकस रहने वाला है.
इनमें सालाना लगभग 1.5 लाख सड़क दुर्घटना पीड़ितों का अंगदान कराना शामिल है.

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन (PM Narendra Modi’s birthday) पर बीजेपी 17 सितंबर से 15-दिनों का एक ‘सेवा पखवाड़ा’ (Seva Pakhvada) शुरू कर रही है. मृतकों का अंगदान (Organ Donation) इसका एक बड़ा फोकस है. जिनमें सालाना लगभग 1.5 लाख सड़क दुर्घटना पीड़ितों के अंगदान और फेफड़े का दान शामिल है. कोविड-19 के बाद अंगदान की जरूरत बढ़ गई है. यह अभियान महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर तक जारी रहेगा. News18 को इस बारे में सरकार का एक नोट मिला है, जिसे इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने सभी मंत्रियों को भेजा था. इसमें अंगदान के लिए इच्छुक नागरिकों की ऑनलाइन प्रतिज्ञाओं को रजिस्टर्ड करने के लिए एक अभियान चलाने के लिए कहा गया था.

सरकारी नोट में कहा गया है कि ’18 साल से अधिक उम्र का एक जीवित डोनर या तो किडनी या अपने जिगर का हिस्सा दान कर सकता है. हालांकि ऐसे दान में संभावित व्यावसायिक व्यापार और जीवित डोनर के स्वास्थ्य के लिए अंतर्निहित जोखिम की चिंताएं हैं. एक मृत डोनर किसी भी उम्र का हो सकता है और सभी महत्वपूर्ण अंगों अर्थात् किडनी, लिवर, हर्ट, फेफड़े, अग्न्याशय और आंत और कॉर्निया, चमड़ी, हड्डी, हर्ट वाल्व, उपास्थि जैसे कई ऊतकों को दान कर सकता है. इस प्रकार एक मृत डोनर आठ लोगों की जान बचा सकता है और कई अन्य लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है.’

पिछले साल देश में 16,041 ऑर्गन ट्रांसप्लांट
सरकार से मिले आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल देश में किए गए 16,041 अंग प्रत्यारोपणों में से 13,348 जीवित अंग प्रत्यारोपण थे, जबकि केवल 2,694 मृत अंग प्रत्यारोपण थे. 2022 में प्रत्यारोपण के लिए केवल 941 मृत डोनर उपलब्ध थे. सरकार के नोट में कहा गया है कि इसे देखते हुए मृतक अंग दान को बढ़ावा देने की जरूरत है. नोट में कहा गया है कि ‘भारत में सड़क यातायात दुर्घटनाओं के कारण हर साल लगभग 1.5 लाख मौतें होती हैं. इनमें से बड़ी संख्या में मामलों में अंगों का उपयोग किया जा सकता है. इसके अलावा ब्रेन हैमरेज और स्ट्रोक के मामले जैसे संभावित दाता भी हैं.’

कोविड-19 के बाद फेफड़ों के ट्रांसप्लांट की जरूरत बढ़ी
इस सरकारी नोट में आगे कहा गया कि कोविड-19 महामारी के बाद फेफड़ों के ट्रांसप्लांट की जरूरत भी बढ़ गई है. 2022 में केवल 144 फेफड़ों का ट्रांसप्लांट संभव हो सका. सरकारी नोट में कहा गया है कि ‘40,000 से 50,000 लीवर ट्रांसप्लांट की जरूरत के लिए केवल 4,000 लीवर ही ट्रांसप्लांट के लिए उपलब्ध हैं और 50,000 हर्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत के लिए केवल लगभग 450 ट्रांसप्लांट ही किए जाते हैं. कई रोगियों को अपनी जान बचाने के लिए अग्न्याशय और आंत के ट्रांसप्लांट की भी जरूरत होती है.’ इसमें यह भी बताया गया है कि भारत दुनिया के लगभग एक-तिहाई कॉर्निया दृष्टिहीन लोगों का घर है, जिनकी मदद केवल नेत्रदान से ही की जा सकती है.

हर साल 2 लाख किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत
नोट में कहा गया है कि ‘चमड़ी दान से जले हुए मरीजों की जान बचाने में मदद मिल सकती है. कई रोगियों को अपनी बीमारियों के इलाज के लिए हड्डियों, हर्ट वाल्व और अन्य ऊतकों की जरूरत होती है.’ सरकार ने इस बात पर रोशनी डाली है कि ट्रांसप्लांट के लिए उपलब्ध अंगों की भारी कमी है, जिसके कारण देश में अंगों की मांग और आपूर्ति के बीच बड़ा अंतर है. एक अनुमान के मुताबिक हर साल 2 लाख नए रोगियों को किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है, जिनमें से लगभग 12,000 किडनी ही ट्रांसप्लांट के लिए उपलब्ध हैं. इसी तरह, 40,000 से 50,000 लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत के लिए केवल 4,000 लिवर ही उपलब्ध हैं.

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भारत ने 2022 में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया
सरकार ने सभी मंत्रियों को भेजे अपने नोट में कहा है कि 2022 में देश में सबसे अधिक 16,041 अंगदान हुए, लेकिन अंगदान की दर प्रति दस लाख आबादी पर 1 से भी कम बनी हुई है. नोट में कहा गया है कि दुनिया में सबसे अधिक अंगदान दर स्पेन में है, जहां प्रति दस लाख की आबादी पर लगभग 48 लोग मृत्यु के बाद अपने अंग दान करते हैं. 16,041 अंगदानों में से 11,705 किडनी के, 3,920 लिवर के, 243 हर्ट के, 144 फेफड़े के, 26 अग्न्याशय के और तीन छोटी आंत के थे. 2022 में पांच साल में मृत डोनर की सबसे अधिक संख्या और पिछले कुछ वर्षों में अंग प्रत्यारोपण की कुल संख्या सबसे अधिक देखी गई.

Tags: Organ Donation, Pm narendra modi, PM Narendra Modi News, PM Narendra Modi Speech

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