सोना बन चुका इस अनाज की रोटी में है हजारों गुण, पर बनाने में क्यों जाती है टूट, चपाती जैसी बनाने के लिए करें ये काम
हाइलाइट्स
ज्वार में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो शरीर में फ्री रेडिकल्स को खत्म कर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है.
गेंहू के आटे की तरह ज्वार के आटे को बहुत जोर से गूंथने की जरूरत नहीं है.
Jowar Roti Making Tips and Benefits: ज्वार ऐसा मोटा अनाज है जो अब सोना की तरह गुणकारी बन चुका है. कुछ दशक पहले तक लोग ज्वार-बाजरे को मवेशियों को खिलाने में इस्तेमाल करते थे लेकिन कई रिसर्च के बाद ज्वार में मौजूद पोषक तत्वों की जांच की गई तो यह अनाज के रूप में सोना बन गया. अब ज्वार को लोग दवा की तरह खाने लगे हैं. हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक सिर्फ सौ ग्राम ज्वार में 11 ग्राम प्रोटीन और 329 कैलोरी ऊर्जा मिल जाती है. इसके साथ ही इसमें 3 ग्राम हेल्दी फैट और 7 ग्राम फाइबर मौजूद होता है. इन सबके अलावा इसमें कई तरह के विटामिन, कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सेलेनियम, जिंक जैसे तत्व भी पाए जाते हैं.
ज्वार के फायदे
सबसे बड़ी बात यह है कि ज्वार में फ्लेवेनोएड, फेनोलिक एसिड और टेनिंस नाम के एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. ये सब शरीर में फ्री रेडिकल्स को खत्म कर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है. ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस के कारण लाइफस्टाइल से संबंधित कई बीमारियां होती हैं. ज्वार में मैग्नीशियम और कैल्शियम भी मौजूद होता है जो हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी है. ज्वार का सेवन हार्ट हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है. इतना ही नहीं यह ब्लड शुगर को तेजी से कम कर देता है क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है और ग्लूटेन फ्री होता है. ज्वार एंटी-इंफ्लामेटरी होता है जो कोलेस्ट्रॉल और गठिया के दर्द को कम करता है. ज्वार से पाचन तंत्र मजबूत होता है. इससे कॉन्स्टिपेशन की समस्या भी दूर होती है. ज्वार खाने के बाद भूख कम लगती है, इसलिए यह वजन को कम करने में भी सहायक होता है. कुल मिलाकर ज्वार डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, हार्ट डिजीज, किडनी डिजीज, अर्थराइटिस आदि बीमारियों में बहुत फायदेमंद है.
ज्वार की रोटी को टूटने से बचाने के उपाय
ज्वार को मुख्य रूप से रोटी बनाकर खाई जाती है. लेकिन इसकी रोटियां बनाने में बहुत दिक्कत होती है. इसका सही से शेप नहीं बनता और यह अक्सर टूट जाती है. लेकिन यदि आप कुछ टिप्स को अपनाएंगे तो निश्चित रूप से आपकी रोटी सही शेप और अच्छी बनेगी. सबसे पहले ज्वार के आटे को सही तरीके से पीसें. अच्छी मशीन में पीसने से इसका आटा फाइन बनेगा. आटे की क्वालिटी जितनी अच्छी होगी, उतनी ही अच्छी रोटी होगी. ज्वार के आटे को हमेशा एयर टाइट कंटेनर में रखें वरना रोटी टूटने लगेगी. दरअसल, ज्वार के आटे को गूंथने के बाद रोटियां बनाते समय ही यह टूटने लगती है. इसके लिए सही मात्रा में पानी को मिलाना चाहिए. इसे आमतौर पर 2 और 1 के अनुपात में मिलाना चाहिए. यानी 2 अनुपात आटा और 1 अनुपात पानी का होना चाहिए. अगर पानी को हल्का गर्म कर आटे में मिलाएंगे तो यह ज्यादा बेहतर होगा. आटे में पानी मिलाते समय ही इसे धीरे-धीरे गूंथना शुरू कर दें.
गेंहू के आटे से अलग है ज्वार के आटे
गेंहू के आटे की तरह ज्वार के आटे को बहुत जोर से गूंथने की जरूरत नहीं है. बस कहीं गांठ की तरह न बन जाएं, इस बात का ख्याल रखें. पूरे आटे को एक तरह से गूंथ लें. चूंकि ज्वार का आटा चिपचिपा हो जाता है, इसलिए बेलने से पहले इसमें थोड़ा बटर मिला दें. अब इसका गोला बना लें और आराम-आराम से बेलें. अगर इससे भी बेलने में दिक्कत हो रही है तो शीट का इस्तेमाल करें. इससे रोटियां नहीं टूटेंगी. हालांकि यह कभी गेंहू के आटे की तरह पतली नहीं बनेगी. ज्वार की रोटी की मोटाई 1/4 भी है तो बेहतर है. इसलिए ज्यादा पतली न करें. धीरे-धीरे बेलें और तवा पर चढ़ा दें. बेहतरीन ज्वार की रोटियां बनेंगी.
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Tags: Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : October 9, 2023, 06:41 IST