Rajasthan

स्वाद और शुद्धता के मामले में मिशाल है यह निशुल्क भोजनशाला, 2014 से जरूरतमंदों को खिला रही दो वक्त का खाना

मोहित शर्मा/करौली. कोई जरूरतमंद और गरीब व्यक्ति भूखा न सोए. इस उद्देश्य से करौली में एक निशुल्क: भोजनशाला 9 साल से अपनी सेवाएं देती आ रही है. श्री राधा मदनमोहन भोजनशाला के नाम से संचालित होने वाली यह शहर की एक ऐसी निशुल्क: भोजनशाला है. जो गरीब, जरूरतमंद और असहाय लोगों के लिए वर्ष 2014 से निरंतर दो वक्त का खाना उपलब्ध कराती आ रही है.

विशेष बात तो यह है कि इस निशुल्क भोजनशाला में मिलने वाला खाना शुद्धता और स्वाद के मामले में होटल के खाने को भी मात देता है. जन सहयोग से चलने वाली वाली शहर की इस निशुल्क भोजनशाला में तकरीबन 60 से 70 लोग रोजाना दो वक्त का खाना तो खाते ही है साथ ही उन्हें हर सप्ताह एक स्पेशल डाइट भी रविवार के दिन भोजनशाला में खिलाई जाती है. यहां आकर कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति दो वक्त का खाना और इसमें बनी नेकी की दीवार से अपने लिए कपड़े भी प्राप्त कर सकता है.

9 साल पहले रखी गई थी इसकी नींव
श्री राधा मदन मोहन भोजनशाला के अध्यक्ष ओमप्रकाश गुप्ता के मुताबिक इस भोजनशाला की नींब 9 साल पहले लगी थी. जब से लेकर आज तक यह भोजनशाला जरूरतमंद, गरीब, असहाय और साधु संतों के लिए खाना दो वक्त का खाना खिलाती आ रही है. गुप्ता बताते हैं कि 11 दिसंबर 2014 से शुरू होने वाली इस निशुल्क भोजनशाला का उद्देश्य कोई भी व्यक्ति भूखे पेट ना सोए.

6 दिन सामान्य भोजन और एक दिन दी जाती है स्पेशल डाइट
इस भोजनशाला की खास बात तो यह है कि इसमें रोजाना बनने वाला शुद्ध और सात्विक खाना शुद्धता के मामले में होटलों के खाने को भी पीछे छोड़ देता है. जानकारी के अनुसार करीब 60 से 70 लोग इस भोजनशाला में दो वक्त का खाना खाते हैं. सप्ताह के 6 दिन इस भोजनशाला में सामान्य खाना और एक दिन स्पेशल डाइट भी लोगों को दी जाती है. भोजनशाला कमेटी के अध्यक्ष गुप्ता का कहना है कि जब यह भोजनशाला शुरू हुई तब इसमें 20 से 30 लोग खाना खाते थे. लेकिन अब यह संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है.

150 लोगों की जनसहयोग से चल रही है यह भोजनशाला
भोजनशाला के अध्यक्ष ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि यह भोजनशाला 150 लोगों की जनसहयोग से चल रही है. इन 150 लोगों में कोई आर्थिक सहायता तो कोई भोजन सामग्री की व्यवस्था हर महीने करता है. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन इस भोजनशाला में लोगों को दाल, रोटी, सब्जी और चावल खिलाएं जाते हैं और सप्ताह में एक दिन स्पेशल डाइट के रूप में खीर पूड़ी- सब्जी, दाल बाटी चूरमा, हलवा पुड़ी या कभी पुआ और खीर खिलाएं जाते हैं.वहीं, इस निशुल्क भोजनशाला में जरूरतमंद मनुष्यों के अलावा पशु पक्षियों के लिए भी दाने पानी की व्यवस्था भी नित्यरूप से जाती है.

भोजनशाला में बनी हुई है एक नेकी की दीवार
श्री राधा मदन मोहन निशुल्क भोजनशाला में एक नेकी की दीवार भी बनी हुई है जिस पर टंगे हुए कपड़ों से जरूरतमंद व्यक्ति अपनी साइज के अनुसार कपड़े भी प्राप्त कर सकते हैं. भोजन शाला के सदस्य प्रहलाद सिंहल का कहना है कि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति यहां आकर दो वक्त का निशुल्क भोजन और अपनी जरूरत के हिसाब से कपड़े प्राप्त कर सकता है. जिससे कि यह भोजनशाला और भी ज्यादा प्रगति कर सके.

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जानें इस भोजनशाला का लोकेशन

यह भोजनशाला शहर के बीचो-बीच वजीरपुर गेट के पास, भोलाराम महाजन की बगीची और स्वामी जी के कटला के सामने संचालित है. जिसमें गर्मियों के मौसम में खाने का समय 10:30 से 1:00 तक और शीतकालीन समय में 11:00 बजे से 1:00 तक रहता है और शाम का खाना 7:00 से 8:00 तक रहता है.

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