हड़ताल खत्म, फिर भी 300 में से 30 हूपर ही सड़कों पर उतरे

जयपुर। बीवीजी कम्पनी ने हड़ताल रविवार को खत्म कर दी। दोपहर 12 बजे हड़ताल तो खत्म हो गई, लेकिन घर—घर से कचरा उठाने के लिए 10 फीसदी हूपर ही सड़कों पर निकल पाए। ऐसे में लोगों ने कचरा सड़कों पर फेंकना शुरू कर दिया। बीवीजी कम्पनी के प्रतिनिधियों की मानें तो जिन वेंडर्स से संसाधन किराए पर ले रखे हैं, उनको जल्द भुगतान के लिए आश्वस्त किया है। इसके बाद हड़ताल टूट गई। सोमवार से सफाई व्यवस्था सुचारू करने का दावा कम्पनी की ओर से किया गया है। बड़ा सवाल यह भी है कि इन अव्यवस्थाओं के बीच स्वच्छता सर्वेक्षण में कैसे जयपुर की रैंक में सुधार होगा।
लोग करते रहे इंतजार
तीसरे दिन भी ग्रेटर नगर निगम में लोग हूपर का इंतजार करते रहे। क्योंकि 300 में से महज 30 हूपर ही सड़कों पर निकले। लगातार हड़ताल की वजह से हूपर चालक जयपुर से बाहर चले गए। ऐसे में जब हड़ताल खत्म हुई तो वे वापस नहीं आ सके।
कम्पनी का दावा: दो माह का 18 करोड़ बकाया
हैरिटेज ग्रेटर
सितम्बर: 38721137 47156717
अक्टूबर: 45407137 62035351
निगम से काम लेकर 90 फीसदी काम दूसरों को सौंपा
नगर निगम से जब बीवीजी कम्पनी ने अनुबंध किया था, उस पर गौर करें तो घर—घर कचरा संग्रहण का काम कम्पनी को ही करना था। लेकिन, धीरे—धीरे कम्पनी ने काम दूसरे लोगों को सौंप दिया। एक अनुमान के मुताबिक कम्पनी 90 फीसदी काम दूसरे वेंडर्स को सौंप चुकी है। इस बार जो हड़ताल हुई उसके पीछे भी यही वजह मानी जा रही है। जानकारों की मानें तो कम्पनी मानसरोवर में भी वेंडर्स को काम देने की तैयारी कर चुकी है। कई वेंडर्स कम्पनी पर करोड़ों रुपए बकाया होने का दावा कर रहे हैं। इसी के चलते मामला कोर्ट तक में चल रहा है।