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हाईकोर्ट ने क्यों कहा MP, MLA से जुड़े इन खास मामलों पर तुरंत हो सुनवाई! ट्रायल कोर्ट को दिए निर्देश

नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने सांसदों और विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालतों से उनके खिलाफ मौत या आजीवन कारावास की सजा हो सकने वाले आपराधिक मामलों को ‘पहली प्राथमिकता’ देने के लिए कहा है. दिल्ली हाईकोर्ट सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 2020 में शुरू की गई स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई कर रहा था. जिसने केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली हाईकोर्ट की रजिस्ट्री से उनके द्वारा इस बारे में उठाए गए कदमों के बारे में बताने को कहा था.

‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि ‘जहां तक जिला न्यायालय के समक्ष लंबित मामलों का सवाल है, हमारे द्वारा जारी किए गए पहले के निर्देशों के क्रम में हम संबंधित न्यायालयों को भी निर्देश देते हैं कि वे सबसे पहले सांसदों और विधायकों के खिलाफ मौत या आजीवन कारावास की सजा हो सकने वाले आपराधिक मामलों को प्राथमिकता दें. फिर पांच साल या उससे अधिक की सजा वाले मामलों को प्राथमिकता दें और फिर अन्य मामलों की सुनवाई करें. हम सभी न्यायाधीशों से यह भी अनुरोध करते हैं कि वे दुर्लभ और बाध्यकारी कारणों को छोड़कर इन मामलों को स्थगित करने से बचें.’

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वहीं हाईकोर्ट की रजिस्ट्री ने पीठ को बताया कि उच्च न्यायालय की एकल पीठ के समक्ष वर्तमान में सांसदों और विधायकों से जुड़े 34 मामले या अपील या संशोधन लंबित हैं. जिनमें छह महीने से अधिक के लिए मुकदमे पर रोक के आदेश पारित किए गए हैं. हाईकोर्ट की पीठ ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि इन मामलों को उनके शीघ्र निपटान के लिए ऐसी अदालतों/बेंचों को फिर से दिया जाए, जिन्हें उचित और प्रभावी माना जाए. ताकि इन मामलों में स्थगन आवेदनों का शीघ्रता से निपटारा किया जा सके और सुनवाई पहले खत्म हो सके. इस मामले की अगली बार सुनवाई 20 मई को तय है.

Tags: DELHI HIGH COURT, Delhi news

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