हिमाचलः मनरेगा में रास्ते बनाए नहीं, पेमेंट कर दी, महिला प्रधान से 4.89 लाख रुपये की होगी रिकवरी
ब्रजेश्वर साकी
देहरा(कांगड़ा). हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिल के उपमंडल देहरा के ब्लॉक प्रागपुर की ग्राम पंचायत दयाल आजकल काफी सुर्खियां बटोर रही है. यहां पर प्रधान ममता देवी ने रास्ते बनाए नहीं और उनकी पेमेंट भी कर दी. इसका खुलासा सोशल ऑडिट में हुआ है.
दरअसल, प्रागपुर के खंड विकास अधिकारी वीरेंद्र कौशल की मानें तो ग्राम पंचायत दयाल की प्रधान को सोशल ऑडिट में मनरेगा शीर्ष वर्ष 2022-23 के तहत किए गए कार्यों में अनियमितता के चलते दोषी पाया गया है. इसके लिए उनके द्वारा ग्राम पंचायत प्रधान दयाल को नोटिस जारी कर 4 लाख 89 हजार 842 रुपये की रिकवरी डाली गई. साथ ही हिमाचल प्रदेश वाइस चैयरमेन रूलर विभाग सोसाइटी शिमला हिमाचल प्रदेश के खाते में जमा करवाने के निर्देश जारी कर दिए हैं.
ग्राम पंचायत दयाल कि प्रधान ममता देवी भी सामने आईं और आरोपों पर प्रेस कांफ्रेंस भी की. प्रधान ममता देवी और ब्लॉक समिति सदस्य रंजना धीमान ने सभी आरोपों को नकारा है. प्रधान ममता देवी ने उप- प्रधान पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने ही यह गड़बड़ी की है. उन्होंने कहा कि उप- प्रधान विधायक के करीबी हैं और विधायक का हाथ भी इस मामले में है. वह इस मामले में उच्च अधिकारियों से शिकायत करेंगी और न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा.
प्रधान ने इस मामले में कई कर्मचारियों के नाम भी लिए हैं. उन्होंने कहा कि इसमें पंचायत सचिव, टेक्निकल, जीआरएस और जेई भी होते हैं. किसी भी कार्य में प्रधान अकेला नहीं होता है, जबकि सभी कर्मचारी मिलकर कार्य करते हैं. प्रधान ने कहा कि इन कर्मचारियों ने मिलकर इस मामले में गड़बड़ी की है.
उन्होंने कहा कि पंचायत सचिव ने फर्जी बिलों का भुगतान कराया है. टेक्निकल ने फर्जी कार्यों का सत्यापन किया है. जीआरएस ने फर्जी कार्यों की रिपोर्ट तैयार की है और जेई ने फर्जी कार्यों के लिए बिलों को पास किया है. प्रधान ने कहा कि इन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों ने पंचायत के धन का दुरुपयोग किया है. प्रधान ने कहा कि इसकी शिकायत उन्होंने नौ महीने पहले ही खंड विकास अधिकारी ब्लॉक प्रागपुर से की थी, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं हुई. बल्कि उल्टा उन्हें ही शिकायत करने की सजा दी जा रही है.
मामला सोशल ऑडिट में सामने आया-बीडीओ
उप प्रधान अजय कुमार जफ्फा ने कहा कि यह आरोप निराधार हैं. उन्होंने कहा कि प्रधान के पास ही वित्तीय शक्तियां होती है. यहां उन्हें और विधायक होशियार सिंह को जानबूझकर मामले में घसीटा जा रहा है.मामले को लेकर खंड विकास अधिकारी ब्लॉक प्रागपुर वीरेंद्र कौशल ने कहा कि यह मामला सोशल ऑडिट में सामने आया है. उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही इस मामले में कोई कार्रवाई की जा रही है. प्रधान को सोशल ऑडिट में मनरेगा शीर्ष वर्ष 2022-23 के तहत किए गए कार्यों में अनियमितता के चलते दोषी पाया गया. नोटिस जारी कर 4 लाख 89 हजार 842 रुपये की रिकवरी डाली गई है.
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FIRST PUBLISHED : December 3, 2023, 12:00 IST