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1 महीने तक नमक ना खाएं तो क्या होगा शरीर पर इसका प्रभाव? एक्सपर्ट से जानें फायदे-नुकसान, डेली कितना खाएं सॉल्ट

हाइलाइट्स

नमक को पूरी तरह से डाइट से निकाल देने पर हड्डियां कमजोर हो सकती हैं.
थाइरॉइड से संबंधित कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं.

What Happen in Body When You Give Up Salt: स्वस्थ रहने के लिए शरीर को कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है. आयोडीन या नमक भी एक बेहद जरूरी मिनरल है. मानव शरीर को ठीक से काम करने के लिए नमक की ज़रूरत होती है, लेकिन बहुत ज्यादा या बहुत कम मात्रा में नमक खाने से कई तरह की मेडिकल समस्याएं पैदा हो जाती हैं. यही कारण है कि व्यक्ति की तंदुरुस्ती और सेहत के लिए नमक का संतुलन बनाए रखना जरूरी हो जाता है. अब यहां सवाल ये उठता है कि नमक असल में क्या है? दरअसल, नमक किसी व्यक्ति के आहार में सोडियम का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है, जो तरल का संतुलन (फ्‍लुड बैलेंस), नर्व हेल्‍थ, पोषक तत्वों के अब्जॉर्प्शन और मांसपेशियों को सही तरीके से कार्य करने के लिए आवश्यक होता है. नमक कई वेरायटी में होते हैं जैसे सादा सामान्य नमक, हिमालय का गुलाबी नमक और समुद्री नमक. इन सभी के स्वाद, बनावट तथा रंग में फर्क हो सकता है.

डाइट में नमक शामिल ना करने के फायदे और नुकसान
फोर्टिस हॉस्पिटल (कल्याण, मुंबई) की क्लिनिकल डाइटिशियन लक्ष्मी एम कहती हैं कि अगर कोई व्यक्ति लम्बे समय तक अपने आहार में नमक से पूरी तरह परहेज करता है तो शरीर पर इसके फायदे होने के साथ ही कुछ नुकसान भी हो सकते हैं. एक जरूरी लाभ यह है कि अधिक नमक का सेवन हाई ब्लड प्रेशर का एक कारण है. जब लोग कम मात्रा में नमक खाते हैं, तब इससे उनका रक्तचाप कम हो सकता है, जो उनके हार्ट प्रॉब्लम के जोखिम को कम करता है. लेकिन, नमक को डाइट से पूरी तरह दूर करने के हानिकारक प्रभाव ज्यादा बड़े होते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं :

इलेक्ट्रोलाइट का असंतुलन : खून में नमक के न्यून स्तर के कारण इलेक्ट्रोलाइट्स में असंतुलन हो सकता है और नतीजतन मांसपेशियों में ऐंठन, कमजोरी तथा चक्कर आने की समस्या हो सकती है.

हाइपोनेट्रिमिया : सोडियम का स्तर कम होने से हाइपोनेट्रिमिया हो सकता है, जिसके कारण सिरदर्द, मतली, थकान, भ्रम, और यहां तक कि दौरा एवं कोमा हो सकता है.

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तरल पदार्थों के संतुलन में गड़बड़ी : सोडियम आपके शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. जब आपके शरीर में पर्याप्त नमक नहीं होता है, तब यह अतिरिक्त पानी का प्रतिधारण (retention) कर सकता है, जिसके कारण शरीर में खासकर हाथ-पैर के निचले हिस्से में सूजन हो जाती है.

हड्डियां हो सकती हैं कमजोर: सोडियम को डाइट से हटाने पर कैल्शियम का फ्रेगमेंटेशन या विखंडन कम हो जाता है, जिसके चलते हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है. इससे ऑस्टियोपोरोसिस रोग होने की संभावना बढ़ जाती है.

शरार में हो सकती है आयोडीन की कमी: साधारण नमक आयोडीन से भरपूर होता है. आयोडीन आहार के हिस्से के रूप में ज़रूरी है, क्योंकि इससे सामान्य स्वास्थ्य और थाइरॉइड की फंक्‍शनिंग में मदद मिलती है. नमक का सेवन ना करने से थाइरॉइड में खराबी और कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं.

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प्रतिदिन कितना नमक का इनटेक जरूरी?
क्लिनिकल डाइटिशियन लक्ष्मी एम कहती हैं कि नमक की सही दैनिक मात्रा व्यक्ति के स्वास्थ्य, उम्र और अन्य घटकों पर निर्भर करती है, लेकिन अनेक स्वास्थ्य संगठनों ने एक वयस्क के लिए नमक की दैनिक औसत मात्रा के बारे में सामान्य समझ प्रदान की है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वयस्कों को हर रोज लगभग पांच ग्राम यानी एक छोटा चम्मच के बराबर नमक का सेवन करना चाहिए. इसमें भोजन पकाने के समय डाला गया नमक, टेबल पर खाने में अलग से लिया गया नमक और खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध नमक शामिल है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) के अनुसार, उच्च रक्तचाप से ग्रस्त लोगों के डाइट में बदलाव करते समय सोडियम की कम खुराक (1,500 मिलीग्राम तक) लेना बेहतर होता है. संक्षेप में, अगर किसी व्यक्ति का सामान्य स्वास्थ्य अच्छा है और वह एक संतुलित आहार लेने पर फोकस करता है, तो उसे अपने नमक के सेवन के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है.

Tags: Health, Lifestyle

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