Potash deposits in Lakhasar and Hanumangarh | बीकानेर के लाखासर और हनुमानगढ़ में पोटाश के भण्डार
जयपुरPublished: Dec 09, 2022 09:46:40 am
राजस्थान में मात्र 500 से 700 मीटर गहराई पर ही पोटाश के विपुल भण्डार के संकेत मिले हैं, जबकि दुनिया के पोटाश भण्डार वाले देशों में पोटाश की उपलब्धता एक हजार मीटर या इससे भी अधिक गहराई में देखने को मिलती है।

लाखासर और हनुमानगढ़ में पोटाश के भण्डार
राजस्थान में मात्र 500 से 700 मीटर गहराई पर ही पोटाश के विपुल भण्डार के संकेत मिले हैं, जबकि दुनिया के पोटाश भण्डार वाले देशों में पोटाश की उपलब्धता एक हजार मीटर या इससे भी अधिक गहराई में देखने को मिलती है। प्रदेश के बीकानेर और हनुमानगढ़ में सिल्वाइट और पॉलिहाइलाइट पोटाश की संकेत मिलने से कन्वेसनल माइनिंग व सोल्यूशन माइनिंग तकनीक से पोटाश का खनन किया जा सकेगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि बीकानेर के लखासर के 99.99 वर्गमीटर क्षेत्र में 26 बोर किए गए हैं, जिसमें से एमईसीएल द्वारा 22 बोर किए गए हैं व जियोलोजिकल सर्वें ऑफ इंडिया द्वारा 4 बोर किए गए हैं। इसमें दोनों ही तरह के यानी कि सिल्वाइट व पॉलिहाइलाइट पोटाश के संकेत मिले हैं। इसके साथ ही हनुमानगढ़ के सतीपुरा में जीएसआई द्वारा 300 वर्गमीटर क्षेत्र में किए गए एक्सप्लोरेशन में पोटाश के संकेत मिल चुके हैं। दोनों ही स्थानों पर जी 4 व जी 3 स्तर को एक्सप्लोरेशन हो चुका है। ऐसे में सतीपुरा में सीधे माइनिंग कार्य के लिए सीएल / एमएल ऑक्शन की कार्यवाही की जा सकती है। वहीं, लखासर में अभी पहले चरण में 8 और बोर के माध्यम से एक्सप्लोरेशन की आवश्यकता के साथ ही यहां भी प्लॉट तैयार कराकर कंपोजिट लाइसेंस की कार्यवाही आरंभ की जा सकती है। इसके लिए माइंस विभाग को आवश्यक निर्देश दिए जा रहे हैं।