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Green eyed Afghan girl gets freedom from camera captivity | कैमरे के कैद से हरी आंखों वाली अफगान लड़की को मिली आजादी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज हम आपको दुनिया की एक ऐसी तस्वीर बताने जो रहे हो जो एक खींची गई तस्वीर से शुरू होकर प्रताड़ना गिरफ्तारी और मदद का खाका बनाती है। तस्वीर ऐसी जो तीन देशों को छू कर निकलती है। कैमरे में कैद ये तस्वीर हकीकत में तीन देशों की सीमाओं को भी लांघ जाती है।

आज से करीब चालीस साल पहले 1984 में एक अमेरिकी वॉर फोटोग्राफर स्टीव मैकवरी ने एक अफगान शरणार्थी लड़की शरबत गुल्ला को कैमरे में क्लिक किया। उस समय इस तस्वीर को नेशनल ज्योग्राफी के कवर पर जगह मिली और वायरल हो गई थी। इस तस्वीर ने सालों से चल रहे अफगान युद्ध के प्रतीक के तौर पर खूब सुर्खिया बंटोरी।

अब फिर तस्वीर में कैद लड़की चर्चा में छाने लगी जब इटली सरकार ने शरबत को लेकर जानकारी दी कि हरी आंखों वाली फेमस अफगान गर्ल अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद इटली पहुंच गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मैकवरी शरबत से 18 साल बाद 2002 में फिर से मिले। जबकि 2016 में शरबत पाकिस्तान में रहने का प्रयास कर रही थी। लेकिन उसकी जाली पहचान कार्ड बनवाने के कारण अरेस्ट कर लिया गया।

इसके बाद तत्कालीन अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने शरबत को अपने देश अफगानिस्तान में  दोबारा बुला लिया और उनका भव्य स्वागत किया जहां तक की गनी सरकार ने उसे एक अपार्टमेंट देने का वादा किया। उस समय तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा था कि शरबत गरिमा और सुरक्षा के साथ अफगानिस्तान में रह सकती हैं। लेकिन एक बार फिर से अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्ज़ा हो गया जिससे वहां महिलाओं की जिंदगी एक बार फिर बदतर होने लगी। महिलाओं को अधिकारों से वंचित होने के कारण शरबत ने इटली जाने का रुख अख्तियार किया  किया।

जानकारी के मुताबिक इटली सरकार ने बताया कि अगस्त 2021 में अफगानिस्तान के काबुल पर तालिबान कब्जे के बाद शरबत ने अफगानिस्तान छोड़ने के लिए मदद मांगी और इटली सरकार ने उसकी मदद की। सरकार ने कहा कि हम शरबत का जीवन आसान करने की कोशिश करेंगे।

 

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