gulabchand kataria to Vishvendra Singh on Tourism in rajasthan | तीन साल में कुछ नहीं, आपके विभाग की ये वर्किंग हैः कटारिया

मैं एक साल की छुट्टी पर गया था, अब वापस आया हूंः विश्वेंद्र
जयपुर
Published: March 12, 2022 09:29:30 am
प्रश्नकालः सियासी संकट के दौरान खुद के बर्खास्त होने पर ली मंत्री ने चुटकी जयपुर। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान शुक्रवार को पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सियासी संकट के समय खुद के बर्खास्त होने को लेकर चुटकी ली। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने महाराणा प्रताप से संबंधित स्थलों के विकास को लेकर मंत्री से पूरक प्रश्न किया कि आपके जवाब में वर्ष 2019-20, 2020-21 व 2021-22 में काम पर खर्चे का कॉलम खाली छोड़ दिया गया है। क्या आपको ये देख कर अहसास नहीं हुआ कि आपके विभाग की ये वर्किंग है। आपने इसे देखा तो होगा न। तत्काल मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने जवाब दिया कि मैं एक वर्ष की छुट्टी पर था और विभाग का प्रभार मुख्यमंत्री के पास था। अब मैं वापस आ गया हूं, आपके आदेश की पालना होगी। सुनते ही सदन में हंसी गूंज गई। सदन में विधायक धर्मनारायण जोशी ने महाराणा प्रताप से संबंधित स्थलों के विकास को लेकर मूल प्रश्न पूछा था। गौरतलब है कि दिल्ली में पायलट खेमे की हुई बाड़ाबंदी में शामिल होने के कारण वर्ष 2020 में विश्वेंद्र सिंह को पर्यटन मंत्री के पद से हटा दिया गया था। इसके बाद पिछले वर्ष नवम्बर में उन्हें वापस मंत्रीमंडल में लेने के बाद पर्यटन विभाग का ही जिम्मा दिया गया।

तीन साल में कुछ नहीं, आपके विभाग की ये वर्किंग हैः कटारिया
अधिकारियों ने भेजे अलग-अलग कागज पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और विधायक बाबू लाल नागर को सामोद वीर हनुमानजी मंदिर के रोप वे को लेकर जुड़े एक मामले में अलग-अलग तथ्य वाले कागज भेज दिए। मंत्री को भेजे कागज में लिखा जमीन वन भूमि में आती है और विधायक नागर को जो कागज मिला, उसमें कहा कि ये भूमि वन क्षेत्र में नहीं आती। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब नागर ने प्रश्न के जरिए सदन में इस मामले को उठाया। मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने जवाब में कहा कि इस मामले को दिखवा लेंगे कि आखिर सच्चाई किस बात में है।
बातें इतने ऊंचे आदर्श की, मॉनिटरिंग है नहीं विधायक संदीप शर्मा ने खान मंत्री प्रमोद जैन भाया के जवाब के बाद एक अवैध खनन के मामले को लेकर आपत्ति जताई कि सरकार ने पुलिस विभाग पर कार्रवाई की, लेकिन खान व वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जब भाया ने कार्यवाही करने को लेकर सरकारी की मंशा जाहिर की, तो नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा कि वर्ष 2019 व वर्ष 2020 के मामलों की जांच रिपोर्ट 2022 तक नहीं आ पाई है। बाते इतने ऊंचे आदर्श की करते हो, लेकिन मॉनिटरिंग है या नहीं। उन्होंने मंत्री से कहा कि आप रिपोर्ट मांग रहे हो और अधिकारी इतनी दूर बैठा है कि रिपोर्ट आ नहीं रही और विभाग चल रहा है।
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