15 दिसंबर तक लगेंगे खुरपका-मुंहपका रोग के टीके, जानें फायदें और कारण

पीयूष पाठक/अलवर. सर्दी के सीजन की शुरूआत हो चुकी है. सर्दी के मौसम में खांसी जुकाम की शिकायतें बढ़ जाती है. कहीं ना कहीं सर्दी का असर पशुओं में भी देखा जाता है. क्योंकि अक्सर गाय, बकरी, भैंस में सर्दी के समय जुकाम और निमोनिया की शिकायत देखी जाती है. ऐसे में पशुओं को निमोनिया की शिकायत से बचने के लिए विशेष रूप से अभियान चलाया जा रहा है. जो कहीं ना कहीं पशुओं को बीमार होने से बचाएगा. अलवर जिले में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत पशुओं को खुरपका-मुंहपका रोग से बचाव के लिए राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है. जानकारी के अनुसार अभी तक 65 हजार 350 पशुओं के टीके लगाए जा चुके है. यह अभियान 15 दिसंबर तक चलेगा.
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. राजीव कुमार मित्तल ने बताया कि इस अभियान के तहत पशुओं को मुफ्त टीके लगाए जाएंगे. खुरपका-मुंहपका रोग अति संक्रमणीय वायरस जनित रोग हैं. इसमें पशुओं के मुंह और खुर में छाले हो जाने से पशुओं का खाना- पीना बंद हो जाता है. जिसके कारण दुधारू पशुओं में दुग्ध उत्पादन अत्यंत कम हो जाता है. इससे पशुपालकों को भी आर्थिक नुकसान होता है.
सर्दी में पशुओं का ऐसे रखे ख्याल
सर्दी के सीजन में पशुओं को सर्दी से बचाव की जरूरत है. सर्दी लगने पर पशुओं में निमोनिया हो जाता है. जिसके कारण निमोनिया से बचाव के लिए ताजा हरा चारा के साथ दलिया खिलाएं. ताजा पानी पिलाएं निमोनिया से बचाव के लिए भी यह टीका मददगार होता है. पशुओं को सर्दी ना लगे, इसके लिए उनके बाडे के बाहर अलाव जलाया जाए. शरीर को बोरी व टाट से ढका जाए. इस मौसम में गीले में रहने से पशुओं को ठंड लग जाती है. इसलिए बाड़े के अंदर सूखी मिट्टी डालनी चाहिए बकरी, गाय भैस के बच्चों में भी निमोनिया की समस्या अधिक होती है.
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FIRST PUBLISHED : December 3, 2023, 19:10 IST