यहां 160 साल पुराने मकानों का आज भी हो रहा उपयोग, गर्मी में भी बिना AC-कूलर के रहती है ठंडक-160 years old houses are still in use in this heritage colony, it remains cool even in summer without AC-cooler
सिरोही : आजकल के मकानों में 10-15 वर्ष में ही रिनोवेशन की जरूरत पड़ जाती है और गर्मियों में बिना एसी या कूलर के रहनाब्बी मुश्किल हो जाता है, लेकिन पुराने जमाने में जब टेक्नोलॉजी ज्यादा नहीं थी, तब भी देश मे ऐसे मकान बनाए जाते थे. जो अगले 100 वर्षों तक मजबूती से टिके रहे और इनमें गर्मियों में भी एसी के बराबर ठंडक रहती है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसी हेरिटेज कॉलोनी के बारे में, जो आज से करीब 165 वर्ष पहले बनी.
अंग्रेजों के जमाने के ये बंगले आज भी मजबूती के साथ खड़े हैं और वर्तमान में रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आवास के रूप में उपयोग हो रहे हैं. इन मकानों की खास बनावट की वजह से इनमें एयर कंडीशनर की जरूरत नहीं पड़ती है. जिले के आबूरोड रेलवे स्टेशन के रेलवे कर्मचारियों के लिए बनी कॉलोनी की स्थापना वर्ष 1858 में हुई थी. उस समय बने यहां के मकानों का निर्माण रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए करवाया गया था. उस समय रेलवे में अधिकांश अंग्रेज अफसर हुआ करते थे.
पत्थरों और चूने से बनते थे मकानरेलवे में 1997 में चीफ लोको इंस्पेक्टर पद से सेवानिवृत्त हुए भान सिंह चौहान ने मकानों के बारे में बताया कि वह 1958 में रेलवे में भर्ती हुए थे. यहां बने मकान चूने और पत्थरों से बने हैं. इसमे किसी प्रकार के लोहे का उयोग नहीं हुआ है. आजकल के मकान सीमेंट से बनते हैं. सीमेंट के मुकाबले चुना अधिक मजबूत और गर्मियों में भी ठंडा रहता है. मकानों की छत की ऊंचाई भी आम मकानों से दो गुना होती है. मकानों में दो तरफ वेंटिलेशन की व्यवस्था भी मकान बनाते समय की जाती थी. जिससे घर में हवा व धूप पर्याप्त आ सके. कॉलोनी में सभी घरों के आसपास गार्डन व बड़े पेड़ लगे हुए हैं. पहले तो इनकी मेंटेनेंस के लिए रेलवे माली नियुक्त करता था, लेकिन अब व्यवस्था बंद हो गई है.
अंग्रेज अधिकारियों के लिए बने थे 5 बड़े बंगलेआबूरोड शहर के पांचबंगला क्षेत्र का नाम रेलवे के पांच बड़े बंगलो पर पड़ा है. ये बंगले रेलवे के बड़े अंग्रेज अफसरों के ठहरे के लिए बने थे. बनास नदी के पास बने ये आलीशान बंगले अब रेलवे के गेस्ट हाउस या बड़े अफसरों के आवास के रूप में उपयोग होते हैं. इन बंगलो में भी मकान की बनावट ऐसी है कि यहां भी किसी कूलर या एसी की जरूरत नहीं पड़ती है.
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FIRST PUBLISHED : May 26, 2024, 23:05 IST