Rajasthan
क्या आ गई कोरोना की तीसरी लहर ? अकेले जयपुर 10,000 से ज्यादा बच्चे पॉजिटिव Rajasthan News-Jaipur News-Did third wave of corona come-more than 10000 children positive in jaipur


दूसरी लहर में जयपुर में 21 से लेकर 40 साल तक के लोगों पर कोरोना का खतरा सबसे ज्यादा देखने को मिला.
More than 10000 children positive in jaipur: कोरोना की तीसरी लहर से पहले ही राजस्थान में अकेले जयपुर जिले में ही दस हजार से ज्यादा बच्चे और किशोर कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. अन्य जिलों का आंकड़ा इससे अलग है. इससे गहलोत सरकार की चिंता बढ़ गई है.
जयपुर. चिकित्सा विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर (Corona’s third wave) में बच्चों के प्रभावित होने की आशंकाएं जताई है. लेकिन क्या तीसरी लहर आ चुकी है ? क्योंकि राजस्थान में अप्रैल और मई के महीने में ही बड़ी संख्या में बच्चे कोरोना पॉजिटिव (Children corona positive) हुए हैं. राज्य के दूसरे जिलों की तरह राजधानी जयपुर में भी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. अप्रैल और मई के महीने में एक और जहां 0 से 10 साल के साढ़े तीन हजार से अधिक बच्चे पॉजिटिव हो चुके हैं. वहीं 11 से 20 साल के 10,000 से अधिक बच्चे कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेशभर में इनकी संख्या कितनी होगी. कोरोना की दूसरी लहर में अब नए मामले सामने आने का सिलसिला कुछ कम होने लगा है. लेकिन अभी से ही तीसरी लहर को लेकर चिंताएं बढ़ने लगी है. कहा जा रहा है कि तीसरी लहर में बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. लेकिन राजस्थान में तो बच्चे दूसरी लहर में ही कोरोना से प्रभावित होने लगे हैं. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल और मई के महीने में जयपुर में जीरो से 10 साल के 3 हजार 589 और 11 से 20 साल तक के 10 हजार 22 किशोर कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं. आंकड़ों पर एक नजर – अप्रेल में 0 से दस साल के कुल 1672 बच्चे पॉजिटिव हुये.- अप्रेल में 11 से 20 साल तक के 4681 बच्चे पॉजिटिव हुये. – 1 से 23 मई तक 0 से 10 साल के 1917 बच्चे पॉजिटिव हुये. – 1 से 23 मई तक 11 से 20 साल के 5341 किशोर पॉजिटिव हुये.
60,000 से अधिक लोग इन 2 महीनों में ही पॉजिटिव हुए हैं हालांकि दूसरी लहर में जयपुर में 21 से लेकर 40 साल तक के लोगों पर कोरोना का खतरा सबसे ज्यादा देखने को मिला. इस आयु वर्ग के 60,000 से अधिक लोग इन 2 महीनों में ही पॉजिटिव हुए हैं. लेकिन इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के पॉजिटिव होने से चिंताएं बढ़ गई हैं. इस साल की शुरुआत के महीनों पर गौर करें तो हालात बिल्कुल उल्टे नजर आए. इस साल जनवरी, फरवरी और मार्च के महीने में जयपुर में जीरो से लेकर 20 साल तक के महज 431 बच्चे ही पॉजिटिव हुए थे. बहुत एहतियात बरतने की आवश्यकता है जयपुर के सीएमएचओ डॉ. नरोत्तम शर्मा का का कहना है कि क्योंकि अप्रैल और मई के महीने में कोरोना की दूसरी लहर का कहर देखने को मिला. बड़ी संख्या में लोग पॉजिटिव हुए. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन भी पूरी तरह से नहीं हुआ. इसके कारण से बच्चे भी कोरोना संक्रमित हो गए. ऐसे में बच्चों को इस कहर से बचाने के लिए बहुत एहतियात बरतने की आवश्यकता है.
60,000 से अधिक लोग इन 2 महीनों में ही पॉजिटिव हुए हैं हालांकि दूसरी लहर में जयपुर में 21 से लेकर 40 साल तक के लोगों पर कोरोना का खतरा सबसे ज्यादा देखने को मिला. इस आयु वर्ग के 60,000 से अधिक लोग इन 2 महीनों में ही पॉजिटिव हुए हैं. लेकिन इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के पॉजिटिव होने से चिंताएं बढ़ गई हैं. इस साल की शुरुआत के महीनों पर गौर करें तो हालात बिल्कुल उल्टे नजर आए. इस साल जनवरी, फरवरी और मार्च के महीने में जयपुर में जीरो से लेकर 20 साल तक के महज 431 बच्चे ही पॉजिटिव हुए थे. बहुत एहतियात बरतने की आवश्यकता है जयपुर के सीएमएचओ डॉ. नरोत्तम शर्मा का का कहना है कि क्योंकि अप्रैल और मई के महीने में कोरोना की दूसरी लहर का कहर देखने को मिला. बड़ी संख्या में लोग पॉजिटिव हुए. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन भी पूरी तरह से नहीं हुआ. इसके कारण से बच्चे भी कोरोना संक्रमित हो गए. ऐसे में बच्चों को इस कहर से बचाने के लिए बहुत एहतियात बरतने की आवश्यकता है.